चौक टीम, जयपुर। कांग्रेस राज में दो बार कैबिनेट मंत्री रहने वाले और कांग्रेस के मौजूदा विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। वहीं, अब जानकारी मिल रही है कि मालवीया आज जयपुर स्थित भाजपा कार्यालय में ‘हाथ’ छोड़ ‘कमल’ थाम सकते हैं। नई दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक से मुलाक़ात की खबरों के बाद मालवीया की भाजपा में एंट्री लगभग तय हो गई है।
कल अमित शाह भी करवा सकते हैं ज्वॉइन!
वहीं, दूसरी ये जानकारी भी सामने आ रही है कि महेंद्र जीत सिंह मालवीय 20 फरवरी को वह कांग्रेस का दामन छोड़ देंगे। दरअसल, 20 फरवरी को गृहमंत्री अमित शाह उदयपुर दौरे पर है और यहां उनकी मौजूदगी में मालवीय बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। उदयपुर में 20 फरवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उदयपुर, बांसवाड़ा और चित्तौड़गढ़ की लोकसभा सीटों के पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी। इससे पहले बताया गया कि भाजपा के दो दिन के राष्ट्रीय अधिवेशन के चलते महेन्द्रजीत सिंह मालवीया BJP ज्वाइन नहीं कर पा रहे थे।
दरअसल, कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थामने से पहले मालवीय ने अपनी ही पार्टी पर कई तरह के आरोप लगाए हैं। एक बार लोकसभा सांसद, दो बार मंत्री और तीन बार विधायक रहने वाले मालवीय ने कांग्रेस से नाराजगी की वजह भी बता दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कुछ लोगों से घिर गई है। देश के लिए जो विजन कांग्रेस का पहले था, अब वो नहीं रहा है।
लोकसभा चुनाव में बांसवाड़ा से मिल रहा था टिकट
इसके अलावा ये भी जानकारी मिल रही है कि लोकसभा चुनाव को फतह करने के लिए बांसवाड़ा और डूंगरपुर कांग्रेस कमेटी ने सिंगल पैनल में पूर्व मंत्री और विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीया का नाम प्रस्तावित किया था, लेकिन अब उन्होंने ही पाला बदलने का मानस बना लेने से कांग्रेस कमेटी के सामने उहापोह की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अब कांग्रेस को नए सिरे से लोकसभा चुनाव के लिए कश्मकश की जा रही है।
कांग्रेस का बाप से हो सकता है गठबंधन
वहीं दूसरी ओर मालविया को पाला बदलने का जवाब देने के लिए भारत आदिवासी पार्टी से भी गठबंधन पर विचार किया जा रहा है। हालांकि अभी इसको लेकर कोई कवायद शुरू नहीं हुई है, लेकिन मालवीया के पाला बदलने का जवाब देने के लिए बाप और कांग्रेस में गठबंधन होने से इनकार नहीं किया जा सकता।
आपको बता दें महेंद्रजीत सिंह मालवीय पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं। अब उनके पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान होना तय है। आने वाले दिनों में लोकसभा चुनाव भी होने वाले हैं। इससे पहले एक बड़े आदिवासी नेता का कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाना पार्टी को भारी पड़ेगा।