चौक टीम, जयपुर। लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में बड़े नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला लगातार जारी है। दोनों सियासी दलों में नेताओं के पार्टी छोड़ने का भूचाल अभी थम नहीं रहा है। कांग्रेस को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं। वहीं बीजेपी में भी राहुल कस्वां के बाद हाड़ौती के एक बड़े नेता आज पार्टी को गुडबाय करने की तैयारी में हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा के दिग्गज नेता प्रहलाद गुंजल कांग्रेस में शामिल होने के कोटा से लाव लश्कर के साथ जयपुर के लिए रवाना हो गए हैं।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी से दो बार विधायक रहे प्रहलाद गुंजल पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। इसके साथ ही वह कांग्रेस को आज ज्वाइन कर रहे हैं। गुंजल आज कोटा से जयपुर के लिए सुबह रवाना हो गए. गुंजल के काफिले के साथ सैकड़ों गाड़ियां भी जयपुर गई हैं। इन कारों में सैकड़ो की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौजूद हैं। वहीं दूसरी तरफ वसुंधरा राजे के करीबी नेता और चूरू सांसद राहुल कस्वां पहले ही भाजपा का साथ छोड़ चुके हैं।
वसुंधरा के करीब है गुंजल
बता दें कि प्रहलाद गुंजल हाड़ौती यानी कोटा-बूंदी के बड़े नेता माने जाते हैं और गुर्जर समाज के वोटर्स पर अच्छी पकड़ है। गुंजल को गहलोत के करीबी पूर्व कैबिनेट मंत्री शांति धारिवाल का धुर विरोधी माना जाता है, लेकिन अब बीजेपी छोड़ने की तैयार कर ली है। खबर है कि प्रहलाद गुंजल विधानसभा अध्यक्ष ओम बिडला के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं।
प्रहलाद गुंजल को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता है। वह वसुंधरा के कार्यकाल में मंत्री भी रह चुके हैं। प्रहलाद गुंजल ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान वसुंधरा राजे को सीएम फेस घोषित करने को लेकर भाजपा नेतृत्व की खुलकर बगावत की थी। उनका नाम हाड़ौती संभाग के प्रमुख नेताओं में शुमार है।
वहीं साल 2007 में गुर्जर आरक्षण आंदोलन प्रदेश में हुआ। समाज के पक्ष में जाते हुए भाजपा विधायक रहते हुए उन्होंने इस दौरान तत्कालीन वसुंधरा सरकार के विरोध करना शुरू कर दिया। इस दौरान गुंजल खुद गुर्जर आंदोलन में शामिल हो हुए। पार्टी और सरकार की बगावत की। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी ने गुंजल को निलंबित कर दिया था।
गुर्जर समाज के बड़े नेता हैं गुंजल
बता दें कि गुंजल ने छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। कोटा राजकीय महाविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष भी रहे। करीब 30 साल बीजेपी का हिस्सा रहे गुंजल ने पहली बार रामगंजमंडी से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने। इसके बाद गुंजल हिंडौली से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे और अशोक चांदना के सामने हार का सामना करना पड़ा। फिर गुंजल कोटा उत्तर से बीजेपी से चुनाव लड़े और जीत दर्ज की, लेकिन बीते 2 विधानसभा चुनाव में लगातार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
ओम बिरला से है अदावत
- प्रह्लाद गुंजल ने बीए व एलएलबी तक शिक्षा हासिल की है।
- प्रह्लाद गुंजल कोटा उत्तर सीट से वर्ष 2013-2018 व रामगंजमंडी से 2003-2008 में विधायक रहे हैं।
- भाजपा में प्रह्लाद गुंजल को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया का करीबी माना जाता है।
- प्रह्लाद गुंजल ने साल 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और शांति धारीवाल के सामने हार गए।
- प्रह्लाद गुंजल को कोटा के मौजूदा सांसद ओम बिरला का धुर विरोध माना जाता है।