चौक टीम, जयपुर। राजस्थान में प्रवर्तन निदेशालय ने प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक गिरोह के सरगनाओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने पेपर लीक गिरोह के सरगनाओं की चल और अचल संपत्ति को आज सीज किया है। ईडी ने गुरुवार को सुरेश ढाका के वैशाली नगर स्थित फ्लैट, बगरू स्थित फैक्ट्री, हीरापुरा पावर हाउस स्थित मकान को सीज किया है। साथ ही संपत्ति पर भारत सरकार का बोर्ड लगा दिया है।
सुरेश ढाका की लंबे समय से है फरार
दरअसल, राजस्थान में वरिष्ठ अध्यापक पेपर लीक मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। फरार चल रहे मास्टरमाइंड सुरेश ढाका की जयपुर स्थित संपत्ति को सीज कर लिया गया है। जबकि भूपेंद्र सारण की प्रोपर्टी भी ईडी ने सीज कर दी है। ईडी ने गुरुवार को सुरेश ढाका के वैशाली नगर स्थित फ्लैट, बगरू स्थित फैक्ट्री, हीरापुरा पावर हाउस स्थित मकान को सीज किया है। साथ ही संपत्ति पर भारत सरकार का बोर्ड लगा दिया है। दिल्ली कोर्ट से परमीशन के बाद ईडी ने ये कार्रवाई की है। ईडी से मिली जानकारी के अनुसार सुरेश ढाका की लंबे समय से फरार चल रहा है।
भूपेंद्र सारण की प्रॉपर्टी भी सीज
इसके साथ ईडी ने भूपेंद्र सारण की प्रॉपर्टी भी सीज की है। इसमें बगरू में स्थित इलची सारण और इंदुबाला सारण के नाम से संपत्ति सीज की गई है। सुरेश ढाका और भूपेंद्र सारण की संपत्तियों को सीज करने के साथ-साथ उनके सहयोगियों की संपत्ति को भी सीज करने की कार्रवाई की गई है।
पुलिस ने कर रखा है ढाका पर इनाम घोषित
उल्लेखनीय है कि 2021 में हुई रीट और दिसंबर 2022 में हुई वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक मामले देशभर में चर्चित रहे। पेपर लीक का एक मास्टर माइंड सुरेश ढाका फरार है। पुलिस महानिदेशक की ओर से ढाका पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। लेकिन उनका कोई अता पता नहीं है। जबकि अन्य आरोपी भूपेंद्र सारण को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल वह जेल में है। सरकार ने उनके जयपुर स्थित मकान पर बुलडोजर चला दिया था।
पेपर लीक का क्या है पूरा मामला?
राजस्थान में 24 नवंबर 2022 को सीनियर टीचर भर्ती के जीके का पेपर होना था। एग्जाम शुरू होने से पहले ही परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। उदयपुर में 40 स्टूडेंट्स बस में पेपर सॉल्व करते पकड़े गए थे। इसे लेकर अजमेर, उदयपुर, अलवर समेत राज्यभर में छात्रों ने हंगामा और प्रदर्शन किया था। इसके बाद आनन-फानन में सुबह नौ बजे एग्जाम शुरू होने से ठीक पहले पेपर कैंसिल कर दिया गया था। वहीं, सुरेश ढाका और भूपेंद्र सारण पेपरलीक कांड के मास्टरमाइंड निकलकर आए थे।