राजस्थान यूनिवर्सिटी में पिछले करीब एक महीने से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे संविदा कर्मियों को आखिरकार सामूहिक कार्य बहिष्कार का ऐलान करना पड़ ही गया. 5 सूत्री मांगों को लेकर जहां संविदा कर्मचारियों ने पिछले दिनों प्रदर्शन कर राविवि प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था तो वहीं अभी तक मांगों पर कोई समाधान नहीं होने के बाद संविदा कर्मचारियों ने सामूहिक कार्य बहिष्कार का फैसला लिया. इन संविदा कर्मचारियों ने राजस्थान विश्वविद्यालय और संघटक कॉलेजों के करीब 800 से ज्यादा कर्मचारी शामिल हैं जो ठेका व्यवस्था के तहत लगे हुए हैं.
इन 5 सूत्री मांगों को लेकर चल रहा आंदोलन
1- ठेके पर लगे संविदा कर्मियों को संविदा नियम 2022 में शामिल करने की मांग
2- संविदा कर्मचारियों का दुर्घटना और मृत्यु बीमा करने की मांंग
3- 26 दिनों के स्थान पर पूरे माह का वेतन भुगतान करने की मांग
4- सभी संविदा कर्मचारियों को सेवा सुरक्षा प्रदान करने की मांग
5- संविदा कर्मियों का प्रतिदिन वेतन 600 रुपये करने की मांग
300 रुपये में नहीं चल रहा घर, प्लेसमेंट एजेंसी कर रही शोषण
प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए ठेके पर लगे शिक्षकों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि राजस्थान यूनिवर्सिटी और संघटक कॉलेजों में 865 संविदा कर्मचारी प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से लगे हुए हैं. और इनमें से भी करीब 80 फीसदी संविदा कर्मियों को तो करीब 10 साल से ज्यादा का समय हो चुका है. ऐसे में इन संविदा कर्मियों को भी महज 300 रुपये प्रतिदिन भुगतान किया जा रहा है और वो भी 26 दिनों के ही. ऐसे में प्रतिदिन 300 रुपये से घर नहीं चल पा रहा है. इसके साथ ही प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा शोषण भी किया जाता है.
इन विभिन्न पदों पर संविदा पर लगे हैं कर्मचारी
गौरतलब है की राजस्थान यूनिवर्सिटी के विभिन्न विभागों और संघटक कॉलेजों में कम्प्यूटर ऑपरेटर, एलडीसी, चपरासी, असिस्टेंट लैब टेक्निशियन जैसे गैर शैक्षणिक पदों पर संविदा कर्मचारी लगे हुए हैं. इसके साथ ही विभिन्न शैक्षणिक पदों पर भी संविदा कर्मचारी लगे हुए हैं.
सामूहिक कार्य बहिष्कार पर जाने से हालात बिगड़े
एक साथ करीब 800 से ज्यादा संविदा कर्मियों को सामूहिक कार्य बहिष्कार के चलते राजस्थान यूनिवर्सिटी और सभी संघटक कॉलेजों में कार्य पूरी तरह से चरमरा गया है. यूनिवर्सिटी और कॉलेज आने वाले छात्र जहां परेशान हो रहे हैं तो वहीं सभी विभागीय कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं.