राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से 2 हजार 730 पदों पर सूचना सहायक भर्ती 2023 की भर्ती विज्ञप्ति जारी की गई है. भर्ती की विज्ञप्ति जारी होने के साथ ही अब पदों के वर्गीकरण को लेकर घमासान शुरू हो गया है. और ये घमासान हो रहा है ओबीसी के पदों को लेकर किए गए वर्गीकरण के बाद. बोर्ड की ओर से 2 हजार 730 पदों पर निकाली गई इस भर्ती में ओबीसी को 6.99 फीसदी आरक्षण के साथ 169 पद दिए गए हैं. विज्ञप्ति जारी होने के साथ ही अब ओबीसी के 21 फीसदी आरक्षण के आधार पर 507 पद करने की मांग तेज होने लगी है.
2 हजार 730 पदों पर इस प्रकार किया पदों का वर्गीकरण
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित सूचना सहायक भर्ती की विज्ञप्ति जारी की गई है. जिसके आवेदन 27 जनवरी से शुरू होने जा रहे हैं. और 24 फरवरी तक ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे. पदों के वर्गीकरण की अगर बात की जाए तो ओबीसी (OBC) को 6.99 फीसदी आरक्षण के साथ 169 पद. एससी (SC) को 12.42 फीसदी आरक्षण के साथ 300 पद. एसटी (ST) को 17.68 फीसदी आरक्षण के साथ 427 पद. सामान्य को 47.20 फीसदी आरक्षण के साथ 1140 पद. एमबीसी (MBC) को 5.09 फीसदी आरक्षण के साथ 123 पद. ईडब्ल्यूएस (EWS) को 9.97 फीसदी आरक्षण के साथ 241 पद और सहरिया को 0.6 फीसदी आरक्षण के साथ 15 पदों का वर्गीकरण किया गया है.
विज्ञप्ति में ओबीसी के पदों को लेकर शुरू हुआ घमासान
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा भर्ती की विज्ञप्ति जारी करने के साथ ही घमासान शुरू हो चुका है. ओबीसी वर्ग की ओर से आरोप लगाया गया है कि 21 फीसदी आरक्षण के आधार पर ओबीसी के भर्ती में 507 पद होने चाहिए थे. लेकिन इस भर्ती में ओबीसी को 6.99 फीसदी आरक्षण के आधार पर सिर्फ 169 पद दिए गए हैं. ऐसे में बेरोजगारों ने चेतावनी दी है की अगर पदों का वर्गीकरण सही तरीके से फिर से नहीं किया गया तो बेरोजगारों की ओर से बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
ओबीसी वर्ग ने सरकार पर धोखे के लगाए आरोप
भर्ती की विज्ञप्ति जारी होने के साथ ही जहां ओबीसी को दिए जाने वाले आरक्षण को लेकर विरोध तेज होने लगा है. तो वहीं राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव का कहना है की सरकार ने एक बार फिर से बेरोजगारों के साथ धोखा किया है. 21 फीसदी आरक्षण के आधार पर ओबीसी को 507 पद मिलने चाहिए थे. लेकिन आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करते हुए सिर्फ 6.99 फीसदी आरक्षण दिया गया है. जो बेरोजगारों के साथ अन्याय है. और अगर जल्द ही इसका समाधान नहीं किया गया तो बेरोजगार सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे.