चौक टीम, जयपुर। राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। भजनलाल शर्मा की सरकार में उनके पास कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। दरअसल लोकसभा चुनाव में हार के बाद से ही उनके इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रही थी। किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे को राजस्थान में बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इसी बीच किरोड़ी लाल मीणा ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि आलाकमान ने मुझे दिल्ली बुलाया है, जाकर बात करूंगा।
इस्तीफे के लिए किसको बताया जिम्मेदार?
वहीं, अपना इस्तीफा सौंपने पर बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पिछले 10-12 वर्षों से सक्रिय रूप से काम करने के बावजूद मैं मेरे प्रभाव वाले क्षेत्र में अपनी पार्टी को जीता नहीं सका… हाईकमान ने मुझे कल दिल्ली आने के लिए कहा है, मैं वहां जाऊंगा और उन्हें समझाने की कोशिश करूंगा क्योंकि मैंने घोषणा की है कि अगर मैं अपनी पार्टी को जीत नहीं दिला पाऊंगा तो मैं इस्तीफा दे दूंगा और मैंने ऐसा कर दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि यह मेरा नैतिक कर्तव्य है कि अगर मेरी पार्टी नहीं जीतती है तो मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए। मैं सीएम से भी मिला लेकिन उन्होंने मेरा इस्तीफा नामंजूर कर दिया… मुझे किसी पद के लिए कोई शिकायत या उम्मीद नहीं है, न तो सीएम से और न ही संगठन से है…मैंने पद के लिए ये इस्तीफा नहीं दिया बल्कि मैं पार्टी को जीता नहीं पाया इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया है।
रणनीति के तहत इस्तीफे को गोपनीय रखा गया!
दरअसल, किरोड़ीलाल मीणा ने कुछ दिन पहले सीएम से मुलाकात की थी। उसी दौरान इस्तीफा दे दिया था। विधानसभा के बजट सत्र के चलते रणनीति के तहत इसे गोपनीय रखा गया। अब हाईकमान के स्तर पर ही इस पर फैसला होगा। वहीं, पिछले दिनों कृषि विभाग के इंजीनियरों के तबादलों को लेकर भी किरोड़ी और पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर के बीच तनातनी सामने आई थी।
इधर, किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी इस्तीफे से पहले एक्स पर एक पोस्ट भी किया है। उन्होंने श्रीरामचरितमानस की दो लाइन दोहराई हैं। उन्होंने लिखा, ‘रघुकुल रीति सदा चलि आई। प्राण जाई पर बचन न जाई।’
क्यों दिया इस्तीफा?
गौरतलब है कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में किरोड़ी लाल मीणा ने एलान किया था कि उनके प्रभाव में आने वाली सात लोकसभा सीटों में से किसी एक पर बीजेपी हार जाती है तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। लोकसभा चुनाव के वक्त किरोड़ी लाल ने कहा था कि पीएम मोदी ने उन्हें पूर्वी राजस्थान की सात सीटें सौंपी थीं। इन सीटों पर जीत के लिए कड़ी मेहनत भी की।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को राजस्थान में बड़ा नुकसान हुआ। राज्य की 25 सीटों में से बीजेपी 14 ही जीत पाई। किरोड़ी लाल के गृह क्षेत्र दौसा में भी बीजेपी चुनाव हार गई थी।