जयपुर। उपचुनाव की तैयारियों में अब कांग्रेस भी जुट गई है। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने जयपुर दौरे में अहम बैठकें कर इसके संकेत दिए थे, हालांकि सुखविंदर सिंह रंधावा के अलावा बैठक में बड़ा चेहरा गोविंद सिंह डोटासरा और टीकाराम जूली ही थे। ऐसे में सवाल उठता है कि राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बिना क्या चुनावी चर्चा पूरी होगी। हालांकि कांग्रेस की जो सीटें खाली हुई है उन पर परिवारवाद हावी है, ऐसे में राहुल गांधी का मेंडेंट क्या लागू होगा।
चार पर दांव, तीन समझौते में
राजस्थान कांग्रेस सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर चर्चा तो कर रही है लेकिन हकीकत में उनके पास सीटें केवल चार ही है, तीन समझौते के तहत आरएलपी और भारत आदीवासी पार्टी यानि बाप के पास जा सकती है। इसमें खींवसर, चौरासी और सलुम्बर शमिल है, फिर भी पार्टी दिखावे के लिए ही सही चर्चा कर रहा है। अब चार सीटों पर भी पार्टी के बड़े नेताओं के सामने विकल्प नहीं चुनने का दबाव है। दबाव उन नेताओं का है जिन्होने विधायक की सीट को सांसद बनने के बाद छोड़ा है, अब कांग्रेस पार्टी परिवारवाद को बढ़ावा देगी या इनके अलावा किसी समर्पित कार्यकर्ता को आगे बढ़ने का मौका देगी।
इन सीटों पर परिवार हावी
दौसा से मुरालीलाल मीणा, सविता मीणा पत्नी, निहारिका मीणा दावेदार
झुंझनूं से बिजेंद्र ओला, धर्मपत्नी राजबाला और पुत्र अमित ओला संभावित
देवली उनियारा से हनुमंत मीणा पुत्र और ओपी मीणा भाई दौड़ में
खींवसर में हनुमान बेनीवाल की इच्छा पर निर्भर है।
रामगढ़ में जुबेर खान की पत्नी साफिया जुबेर खान को टिकट
गहलोत और पायलट क्या करेंगे
उपचुनाव को लेकर राजस्थान कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है। भाजपा के नए प्रभारी और अध्यक्ष की सक्रियता के बाद कांग्रेस ने भी अपनी सीटों पर मौजूदा विधायकों को सांसद बनाने के बाद फिर से जीतने की तैयारी में कांग्रेस जुट गई है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत अब स्वस्थ होकर हरियाणा के मैदान में है, सचिन पायलट देशाटन के साथ राजस्थान की जमीन पर भी है। कांग्रेस की बैठक में राजस्थान के 7 सीटों पर होने वाले उप-चुनाव की रणनीति पर चर्चा कर टिकट के दावेदार, नेताओं से फीडबैक लिया गया। झुंझुनूं, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, सलूम्बर, चौरासी और रामगढ़ विधानसभा क्षेत्रों के प्रमुख कांग्रेस नेताओं की बैठक होने लगी है। हालांकि राजनीतिक आकलन कहता है कि सात में से केवल चार सीटों पर ही कांग्रेस चुनाव लड़ेंगी बाकि तीन सीटें समझौते के तहत आरएलपी और बाप पार्टी के पास जाएगीं, कांग्रेस बड़ी पार्टी होते हुए भी आरएलपी के हनुमान बेनीवाल के हाथ में है कि खींवसर से कांग्रेस का प्रत्याशी उतारा जाए अथवा नहीं। हनुमान बेनीवाल को अगर सीट सीधे मुकाबले में फंसती हुई लगी तो कांग्रेस का उम्मीदवार उतार कर त्रिकोणीय संघर्ष में जीतने का दांव लगाया जा सकता है।
राजस्थान में इन 7 विधानसभा सीटों पर होगा उपचुनाव
देवली उनियारा विधानसभा सीट, कांग्रेस विधायक हरीश मीणा अब सांसद बन चुके हैं.
दौसा विधानसभा सीट, कांग्रेस विधायक मुरारीलाल मीणा अब सांसद बन चुके हैं.
झुंझुनूं विधानसभा सीट, कांग्रेस विधायक बृजेंद्र ओला अब सांसद बन चुके हैं.
चौरासी विधानसभा सीट, BAP विधायक राजकुमार रोत अब सांसद बन चुके हैं.
खींवसर विधानसभा सीट, RLP विधायक हनुमान बेनीवाल अब सांसद बन चुके हैं.
सलूंबर विधानसभा सीट, बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा का निधन हो चुका है.
रामगढ़ विधानसभा सीट, कांग्रेस विधायक जुबेर खान का निधन हो चुका है.