जयपुर। देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजभवन में निर्मित संविधान उद्यान को अभूतपूर्व बताते हुए कहा है कि संविधान से जुड़ी संस्कृति और संवैधानिक मूल्यों के कला-रूप में देशभर में यह अनुपम उदाहरण है। उन्होंने संविधान उद्यान में निर्मित संविधान के कला-रूपों का बारीकी से अवलोकन किया।
संविधान उद्यान भ्रमण के बाद उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्र से विशेष रूप से संवाद कर संविधान के मूर्तरूप की इस पहल के लिए उन्हें विशेष रूप से बधाई दी और कहा कि आजादी के बाद इस तरह की यह अनूठी पहल राजस्थान में उनके प्रयासों से ही संभव हो पाई है।
उन्होंने राजभवन में चरखा कातते महात्मा गांधी की उस प्रतिमा की भी सराहना की जिसने स्वदेशी के जरिए आजादी आंदोलन को गति प्रदान करने में महती भूमिका निभाई। उन्होंने इस प्रतिमा, मयूर स्तम्भ और महाराणा प्रताप की अपने प्रिय घोड़े चेतक के साथ ‘विश्रांति‘ मुद्रा में निर्मित प्रतिमा के समक्ष फोटो भी खिंचवाया।
उप राष्ट्रपति धनखड़ ने बुधवार सुबह राजभवन में निर्मित संविधान उद्यान का भ्रमण किया। उन्होंने संविधान निर्माण और उससे जुड़ी संविधान समितियों की कार्यवाही, संविधान निर्माण के बाद उसके लागू होने तक की ऐतिहासिक यात्रा और मूल संविधान की प्रति पर शांति निकेतन के सुप्रसिद्ध कलाकार नंदलाल बोस द्वारा निर्मित भारतीय संस्कृति से संबद्ध कलाकृतियों से जुड़े मूर्तिशिल्प, छायाचित्रों, मॉडल्स आदि का सूक्ष्मता से अवलोकन किया। संविधान ग्रंथ के आवरण की निर्मित कलाकृति और उद्धेशिका के मूर्तिशिल्प के पास भी उन्होंने फोटो खिंचवाई।
धनखड़ ने संविधान उद्यान में प्रदर्शित उस शिल्प की भी विशेष सराहना की जिसमें संविधान निर्माण के बाद देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान निर्माण समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेडकर संविधान की प्रति भेंट कर रहे हैं। इसी तरह उन्होंने प्रथम संविधान सभा, संविधान की प्रति में उकेरे गए भारतीय संस्कृति के कला-रूपों, स्वाधीनता सेनानियों, महिलाओं की आजादी में रही भूमिका आदि से जुड़े मूर्तिशिल्प, मॉडल्स और छाया छवियों की भी विशेष रूप से सराहना की।
राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंद जायसवाल ने उप राष्ट्रपति धनखड़ को संविधान उद्यान के निर्माण और इसमें प्रदर्शित मूर्तिशिल्प, मॉडल्स तथा अन्य कला-रूपों के बारे विस्तार से जानकारी दी। उप राष्ट्रपति के सचिव सुनील कुमार गुप्ता भी इस दौरान उपस्थित रहे।