मेटल और माइनिंग क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वेदांता (Vedanta) लिमिटेड राजस्थान में करीब 1 लाख करोड़ रुपए निवेश करेगी। इस निवेश का बड़ा हिस्सा रिन्यूएबल पावर प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल किया जाएगा। कंपनी की डायरेक्टर प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
राज्य में औद्योगिक विकास
प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने बताया कि वेदांता(Vedanta) पहले से ही राजस्थान में हिंदुस्तान जिंक और केयर्स इंडिया के माध्यम से मौजूद है। पिछले कुछ वर्षों में, कंपनी ने राज्य में 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। अब वेदांता इसी तरह के और 1 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना बना रही है।
राज्य के लिए कई लाभकारी पहलू
वेदांता के इस निवेश से राजस्थान में औद्योगिक विकास को नया आयाम मिलेगा।
राज्य में मेटल और माइनिंग सेक्टर को नई ऊर्जा मिलेगी।
अन्य उद्योगों में भी वृद्धि होने की संभावना है, जिससे राजस्थान का औद्योगिक आधार और मजबूत होगा।
विशेष रूप से रिन्यूएबल पावर प्रोजेक्ट्स और माइनिंग सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए नौकरी के मौके बढ़ेंगे।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आर्थिक स्थिरता को भी बढ़ावा मिलेगा।
राज्य की युवा पीढ़ी के लिए यह निवेश लाभकारी साबित होगा।
वेदांता का शेयर बाजार में प्रदर्शन
वेदांता का शेयर 30 अगस्त, शुक्रवार को 0.91% बढ़कर ₹467.60 पर बंद हुआ। पिछले एक साल में, कंपनी के शेयर ने निवेशकों को 101.29% का रिटर्न दिया है। बीते छह महीनों में शेयर में 74.45% की बढ़त दर्ज की गई है। कंपनी का मार्केट कैप 1.74 लाख करोड़ रुपए है।
वित्तीय प्रदर्शन में सुधार
वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में वेदांता लिमिटेड का मुनाफा 54% बढ़कर ₹5,095 करोड़ हो गया।
एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट ₹3,308 करोड़ था।
कंपनी ने 6 अगस्त को अपनी पहली तिमाही के नतीजे जारी किए।
पहली तिमाही में ऑपरेशन से रेवेन्यू ₹35,239 करोड़ रहा
एक साल पहले की समान तिमाही में यह ₹33,342 करोड़ था।
वेदांता के वित्तीय प्रदर्शन में यह सुधार कंपनी की स्थिरता को दर्शाता है।
स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड का अंतर
कंपनियों के वित्तीय नतीजे दो प्रकार के होते हैं – स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन रिपोर्ट में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है, जबकि कंसॉलिडेटेड रिपोर्ट में पूरी कंपनी के वित्तीय परिणाम शामिल होते हैं।
नई दिशाओं में वेदांता का कदम
वेदांता अब सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले ग्लास बनाने के क्षेत्र में भी कदम रखने जा रही है। कंपनी के फाउंडर और चेयरमैन अनिल अग्रवाल, जिन्हें ‘इंडिया का मेटल मैन’ कहा जाता है, इस नई दिशा में कंपनी का नेतृत्व कर रहे हैं।
राजस्थान की उम्मीदें और प्रगति
वेदांता के इस बड़े निवेश से राजस्थान के उद्योग और रोजगार क्षेत्र में नई उम्मीदें जगी हैं। यह निवेश राज्य के आर्थिक विकास को नई दिशा देगा और राजस्थान की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।