चौक टीम, जयपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर गुरुवार शाम विधानसभा में हुई टीका-टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को शून्यकाल में सदन में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बीच जबरदस्त झड़प हो गई। मामला इनता आगे बढ़ गया कि देवनानी ने जूली से कह दिया कि आपको पंसद नहीं तो मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आइए। इस पर जूली बोले, जरूरत पड़ी तो लाएंगे।
जूली के इतना बोलते ही देवनानी भड़क गए और उन्होंने जूली को अविश्वास प्रस्ताव लाने की चुनौती दे डाली। इधर, बीजेपी विधायकों ने कहा कि अध्यक्ष के खिलाफ किसी तरह की अमर्यादित टिप्पणी सदन में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हंगामा बढ़ता देखकर देवनानी सदन की कार्रवाई को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया।
इस तरह हुआ विधानसभा में हंगामा
दरअसल, आज शून्यकाल की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष ने कल अनुदान मांगों पर जवाब के दौरान हुए हंगामे और मंत्रियों के आचरण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कल जिस तरह मंत्रियों ने आचरण किया, असंसदीय शब्द बोले उन्हें कार्यवाही से नहीं निकाला। इसलिए बाहर जाकर बोलने की नौबत आई।
जूली ने कहा कि अध्यक्षजी, आपका झुकाव विपक्ष की तरफ रहना चाहिए, लेकिन हम देखते हैं आपका झुकाव सत्ता पक्ष की तरफ रहता है। इस पर स्पीकर ने कहा कि तो क्या आप आसन को धृतराष्ट्र कहेंगे। मुझे आपने धृतराष्ट्र कहा, आसन के प्रति इस तरह की टिप्पणी शर्मनाक है। इस पर माफी मांगनी चााहिए।
यह था मामला
दरअसल, टीकाराम जूली ने गुरुवार को हुए हंगामे के बाद मीडिया बयान में देवनानी को धृतराष्ट्र बता दिया था। इस पर देवनानी ने आज शून्यकाल में आपत्ति करते हुए कहा कि अध्यक्ष पद की गरिमा के खिलाफ कुछ भी कहा जाएगा, वह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जूली ने कल अनुदान मांगों पर जवाब के दौरान हुए हंगामे और मंत्रियों के आचरण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कल जिस तरह मंत्रियों ने आचरण किया, असंसदीय शब्द बोले उन्हें कार्यवाही से नहीं निकाला। इसलिए बाहर जाकर बोलने की नौबत आई।
नेता विपक्ष ने कहा- आपका झुकाव सत्ता पक्ष की तरफ रहता है
जूली ने कहा कि अध्यक्ष जी, आपका झुकाव विपक्ष की तरफ रहना चाहिए, लेकिन हम देखते हैं आपका झुकाव सत्ता पक्ष की तरफ रहता है। इस स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि तो क्या आप आसन को धृतराष्ट्र कहेंगे। मुझे आपने धृतराष्ट्र कहा, आसन के प्रति इस तरह की टिप्पणी शर्मनाक है। इस पर माफी मांगनी चााहिए।