चुनावी समर में भाग्य आजमाने को तैयार महिलाएं

राजस्थान विधानसभा चुनाव में नामांकन वापस लेने की अवधि गुरुवार को समाप्त हो गई और उसके बाद चुनावी उम्मीदवारों की स्थिति स्पष्ट हो गई है। राज्य की 200 विधानसभा सीटों के लिए सात दिसंबर को मतदान होना है। महिलाओं की संख्या 2013 की तुलना में 23 अधिक है। कुल 189 महिलाएं मैदान में हैं जिनमें से सबसे अधिक 27 प्रत्याशी कांग्रेस की हैं।

आकड़ों के अनुसार इस विधानसभा चुनाव के लिए कुल 281 महिलाओं ने नामांकन दाखिल किए। जांच के बाद यह संख्या 238 बची जिनमें से 49 उम्मीदवारों ने बीते दो दिन में अपने नाम वापस ले लिए। इसके बाद चुनावी मैदान में डटी महिला उम्मीदवारों की संख्या 189 बची है। उल्लेखनीय है कि 2013 में कुल 166 और 2008 के विधानसभा चुनाव में 154 महिला उम्मीदवारों ने अपनी राजनीतिक भाग्य आजमाया था। जहां तक जीत का सवाल है तो 2008 और 2013 दोनों की वर्ष 28-28 महिला उम्मीदवार जीतकर विधानसभा पहुंची थी। इस बार राज्य की 200 विधानसभा सीटों के लिए कुल 2,294 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 2,105 पुरुष और 189 महिलाएं हैं। जहां तक प्रमुख राजनीतिक दलों का सवाल है तो कांग्रेस ने 27 महिलाओं को अपना प्रत्याशी बनाया है जबकि बीजेपी ने 23 महिलाओं को टिकट दी है।

सोशल मीडिया बना चुनावी रणक्षेत्र

मतदान में केवल 14 दिन बचे हैं। सोशल मीडिया पर चुहलबाजी शुरू है। दिनरात वोटरों को रिझाने में अलग-अलग हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर वे मंत्री भी दिख रहे हैं जो आम तौर पर आम जनता से सोशल मीडिया पर संवाद नहीं करते है। हालांकि इसमें खतरा भी है। सार्वजनिक प्लेटफार्म पर पता नहीं कब कौन क्या बोल दे और नेताजी की गरिमा तार तार हो जाए। इस बीच सोशल मीडिया पर जनता और नेता के बीच की दूरी खत्म होती नजर आ रही है। राजस्थान में सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस मतदाताओं तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया का जमकर उपयोग कर रही है। दोनों दलों के नेताओं के अनुसार सोशल मीडिया में चुनाव की जंग लड़ने के लिए बीजेपी ने लगभग 150,000 वालिंटियर्स और कांग्रेस ने लगभग एक लाख वालिंटियर्स को तैनात किया है।

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