कांग्रेस में CM पद का दावेदार कौन? जानें इनके राजनीतिक बैकग्राउंड

राजस्थान विधानसभा चुनाव मतदान में केवल 15 दिन शेष है। एक तरफ बीजेपी से मुख्यमंत्री का चेहरा साफ दिख रहा है वहीं कांग्रेस से दावेदारी को लेकर कई चेहरे सामने आ रहे हैं। गहलोत ने एक प्रेसवार्ता में फिर एक नया मुद्दा खोल दिया है, जिससे राजनीतिक सरगर्मी और भी तेज हो गई है। वार्ता के दौरान गहलोत ने कांग्रेस से मुख्यमंत्री पद की दावेदारी करने वाले कुछ नाम सामने रखे, जिसमें रामेश्वर डूडी, सचिन पायलट, लालचंद कटारिया, सीपी जोशी और गिरिजा व्यास के साथ-साथ रघु शर्मा का नाम भी लिया।

जानें इनके राजनीतिक पृष्ठभूमि

अशोक गहलोत

7वीं लोकसभा (1980-84) के लिए वर्ष 1980 में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए। उन्‍होंने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का 8वीं लोकसभा (1984-1989), 10वीं लोकसभा (1991-96), 11वीं लोकसभा (1996-98) तथा 12वीं लोकसभा (1998-1999) में प्रतिनिधित्‍व किया।

सरदारपुरा (जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होने के बाद गहलोत फरवरी, 1999 में 11वीं राजस्‍थान विधानसभा के सदस्‍य बने। गहलोत पुन: इसी विधानसभा क्षेत्र से 12वीं राजस्‍थान विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए तथा 13वीं राजस्‍थान विधानसभा के लिए सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही पुन: निर्वाचित हुए। अशोक गहलोत एक बार राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री रहे है।

सचिन पायलट

सचिन पायलट गुज्जर समुदाय से हैं। उनके पिता स्वर्गीय राजेश पायलट थे जो कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से थे। सचिन वर्ष 2002 में अपने पिता के जन्मदिन 10 फरवरी को कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। इस अवसर पर एक बडे़ किसान सभा का आयोजन भी किया गया था। 13 मई 2004 को पायलट चौदहवीं लोकसभा के लिए दौसा सीट से चुने गये जिसमें उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 1.2 लाख मतों से हराया था। 26 साल की उम्र में वे भारतीय सांसद बनने वाले सबसे युवा व्यक्ति थे।

रामेश्वर डूडी

रामेश्वर डूडी वर्तमान में राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता है। और बीकानेर जिले की नोखा विधानसभा क्षेत्र से विधायक है। डूडी अपने शुरुआती दौर में पंचायती स्तर पर राजनीति में थे। उन्हें 1995 में नोखा से प्रधान के रूप में निर्वाचित किया गया था। प्रधान होने के दौरान, उन्होंने पहली बार 1999 में लोकसभा चुनाव जीता।

सीपी जोशी

आधुनिक मेवार के संस्थापक मोहन लाल सुखदिया ने जोशी की सामाजिक प्रतिबद्धताओं को पहचाना और उन्हें सक्रिय रूप से राजनीति में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया था। उन्हें 1973 में मोहनलाल सुखदीडिया विश्वविद्यालय के लिए छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया था। वे नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र से (1980 और 1985, 1998 और 2003) विधायक चुने गए थे। उन्हें 2003 में विपक्षी विधायक के रूप में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 2012 में, ममता बनर्जी यूपीए से बाहर निकलने के बाद और मुकुल रॉय ने रेल मंत्री के रूप में इस्तीफा दे दिया था, उसके बाद सीपी जोशी को रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मिला था।

गिरिजा व्यास

डॉ. गिरिजा व्यास भारतीय राजनीति की एक ऐसी बुद्धिजीवी राजनीतिज्ञ है, जिन्होंने चार बार भारतीय संसद में लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया। नरसिम्हा राव सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और विगत मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-2 सरकार में केंद्रीय कैबिनेट में शहरी आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्रालय की जिम्मेवारी को बखूबी निभाया। डॉ. व्यास राष्ट्रीय महिला आयोग की दो कार्यकाल तक राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रही है। फिलहाल अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के केंद्रीय चुनाव समिति के साथ-साथ विचार विभाग की चेयरपर्सन है।

रघु शर्मा

रघु शर्मा अजमेर जिले के केकड़ी से विधायक रहे हैं। शर्मा का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अच्छा रिश्ता है। वह मौजूदा समय में सूबे में कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं। अशोक गहलोत ने उन्हें राजस्थान विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक भी बनाया था।

लालचंद कटारिया

पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री लालचंद कटारिया के अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान विधानसभा चुनाव कराने वाले बयान से बवाल मच गया है…कटारिया का बयान ऐसे वक्त आया है जब चुनाव में बहुत कम समय बचा है…वहीं कटारिया के बयान से यह तय है कि कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर अब कलह और बढ़ने वाली है।

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