सीपी जोशी के बयान पर पीएम मोदी दहाड़े, जानें जोशी के विवादित बयान का असल सच…

अलवर में चुनावी सभा को संबोधित करने आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने पूरे भाषण में सीपी जोशी के बयान को चुनावी मुद्दा बनाने हुए जमकर दहाड़े। उन्होंने अपने भाषण में कहा, कांग्रेस के नेता कोई मेरी मां को गाली दें, कोई मेरी जाति को लेकर सवाल पुछे। यह बोलने वाला कोई हो लेकिन बुलवाने वाला तो नामदार ही होता है।

कैसे मचा बवाल?

सीपी जोशी के बयान के बाद बीजेपी का हमला शुरू हो गया।  भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा, पीयूस गोयल, गजेन्द्र सिंह शेखावत, वसुंधरा राजे मदनलाल सैनी ने पलटवार करना शुरू कर दिया। और सीपी जोशी सियासी माहौल में घिरते गए। गुरुवार रात 11:08 बजे जोशी ने ट्वीट किया था कि भाजपा ने बयान को तोड़मरोड़ कर उपयोग किया है। मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।

सियासी हलचल के बीच राहुल गांधी का शुक्रवार सुबह 10:39 बजे ट्वीट किया कि पार्टी के नेता ऐसाकोई बयान न दें जो पार्टी के आदर्शों के विपरित हो। इसके बाद जोशी ने रात 11: 39 बजे ट्वीट किया कि कांग्रेस के सिद्धांतों एवं कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए मेरे कथन से समाज के किसी वर्ग को ठेस पहुंची हो तो मैं उसके लिए खेद प्रकट करता हूं।

चुनाव आयोग से नोटिस मिलने के बाद सीपी जोशी ने कहा, “जो शिकायत की गई है उसे लेकर अपना पक्ष रखूंगा। पूरा वीडियो संदर्भ के साथ देखने पर समझ में आएगा कि क्या और क्यों मैंने बोला था और क्या दिखाया जा रहा है।”

क्या है सियासत का खेल, सेवा या सिंघासन ?

डॉ. सीपी जोशी ने अपने भाषण में क्या कहा?

नाथद्वारा से कांग्रेस प्रत्याशी सीपी जोशी के अभिभाषण का पूरा वीडियो एक बार देखने का के बाद ही सत्यतता की पुष्टि की जा सकती है। लेकिन चुनावी माहौल में ऐसा नहीं हुआ। उनकी बातों से विपक्षी पार्टियो ने राजनीतिक रोटियां सेकनी शुरू कर दी। और कांग्रेस को जातिगत राजनीति करने वाला बताया दिया। जोशी ने भाषण में राज धर्म को जाति और धर्म ऊपर बताया है। उन्होंने कहा, भारत एक स्वतंत्र देश है जहां हर व्यक्ति कोई भी धर्म अपनाने के लिए स्वतंत्र है।

धर्म अपनाने के लिए सभी स्वतंत्र है

सीपी जोशी ने अपने भाषण में कहा, पंडित जवाहर लाल नेहरू जब प्रधानमंत्री थे तो सरदार पटेल देश में एकीकरण का काम करते थे। लेकिन बीजेपी इस बात को मानते ही नहीं और कहते हैं कि सरदार पटेल का नेहरू से बनती ही नहीं थी।

उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा, क्या राम मंदिर बनने से सब का विकास हो जाएगा? क्या इससे विकास संभव है? उन्होंने धर्म और जाति को लेकर कहा, हम हिन्दुस्तानी कोई भी जाति, कोई भी धर्म के क्यों न हो, वह किसी भी धर्म अपनाने के लिए स्वतंत्र है।

सीपी जोशी ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए अपने संबोधन में कहा, मैं अभी मंदिर में पूजा करके आपके पास आया हूं लेकिन बीजेपी कहेगी- नहीं-नहीं कांग्रेस हिन्दू की बात करते ही नहीं, वह सिर्फ मुस्लिमों की बात करते हैं। बीजेपी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ये धर्म और जाति का सर्टिफिकेट देने वाले ये कौन होते है? ये लोग कौन सा विश्वविद्यालय खोल रखा है?

धर्म के बारे सिर्फ विद्वान जानते हैं

उमा भारती की जाति क्या है, किसी को मालूम है? ऋतंभरा जी की क्या जाति है, किसी को मालूम है क्या?  इस देश में धर्म के बारे में कोई जानते है तो पंडित जानते हैं, विद्वान जानते हैं। उमा भारती लोधी समाज की है, वे हिन्दू धर्म की बात करेंगे। साध्वी जी किसी भी धर्म की हो, लेकिन हिन्दू धर्म की बात करेंगे। मोदी जी किस धर्म के है, लेकिन हिन्दू धर्म की बात करेंगे। यह देश की जनता को नए-नए तरीकों से गुमराह करने का काम है। उन्होंने अपनी बातों में कहा कि धर्म के बारे में कोई जानता है तो वे विद्वान लोग जानते हैं, ज्ञानी जानते हैं, पंडित जानते हैं।

राज और धर्म दो अलग-अलग है

उन्होंने कहा कि राज और धर्म दो अलग-अलग हैं। इस देश में आजादी के बाद मंदिर, मस्जिद, गुरूदारा, चर्च जाने के लिए हर व्यक्ति स्वतंत्र है। धर्म व्यक्ति को प्रेरित करता है कि व्यक्ति अपने जीवन को अपने हिसाब से जी सके। अपने जीवन के साथ न्याय करें। धर्म जिम्मेदारी सीखाती है कि अपने परिवार का पालन करें। राज और सत्ता को दो अलग-अलग बताते हुए, राज का काम है नीति बनाना, जिससे सब का भला हो सके।

उन्होंने कहा कि इस देश में झूठ बोलकर लंबे समय तक कोई शासन नहीं कर सकता है। चुनाव आते ही चर्चा शुरू हो जाती है कि राम मंदिर बनना चाहिए कि नहीं। चार साल मोदी जी सत्ता में थे तो राम मंदिर याद नहीं आया और अभी क्यों याद आया?

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