देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान प्रमुख पार्टियों के नेताओं ने एक-दूसरे पर तस कंजने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा। जहां एक तरफ कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा पर शब्दों का वार करने में कमी नहीं छोड़ी तो वही दूसरी तरफ भाजपा के भी नेताओं ने कांग्रेस पर वार करने में कोई चूक नहीं की। जाति, धर्म, मंदिर आदि को मुद्दा बनाया गया जबकि जो मुद्दे उठाने चाहिए थे उन पर बात नहीं हुई।
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चुनाव खत्म होने के बाद एक बार फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार सभी स्वतंत्र संस्थाओं को रिमोट कंट्रोल के साथ चलाने का प्रयास कर रही है जिसकी बैट्री अब तकरीबन खत्म हो चुकी है।
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इतना ही नहीं कपिल सिब्बल ने भाजपा नेता सरकार पर देश के स्वतंत्र संस्थानों के शीर्ष पद पर आरएसएस से जुड़े लोगों की नियुक्ति का आरोप लगाया और कहा कि यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है और लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। हालांकि, मोदी सरकार या भाजपा की ओर से उनके इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है।
सिब्बल ने सवाल किया कि ‘‘ऐसा विकास जो अपने पीछे विनाश का निशान छोड़ता है, हमें ऐसा विकार और बदलाव नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी ने ज्यादा शासन और कम सरकार का वादा किया था लेकिन हमें क्या मिला।’’ जो भी बदलाव हो वो हमारे बेहतर भवि के लिए होने चाहिए, लेकिन संविधान को खत्म करने वाले बदलाव खतरनाक हो सकते है।’’