चौक टीम, जयपुर। केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर, धौलपुर और डीग जिले का जाट समाज 17 जनवरी से जयचौली कस्बे में महापड़ाव डाले हुए है। वहीं दूसरी जाट महापंचायत आज भरतपुर मुख्यालय पर आयोजित हुई। इस महापंचायत को पूर्व पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने सम्बोधित किया। विश्वेन्द्र सिंह ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि तीनों जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण मिलना चाहिए, यह उनका हक है।
‘समाज को दलालों से सावधान रहने की नसीहत’
भरतपुर मुख्यालय पर आयोजित हुई इस महापंचायत में पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि इस संबंध में सरकार से वार्ता करने के लिए 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जाएगा, लेकिन महापड़ाव और आंदोलन बंद होना चाहिए। साथ ही उन्होंने समाज को दलालों से सावधान रहने की नसीहत भी दी।
विश्वेंद्र सिंह ने सर्वसमाज की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आज ही मेरी उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी से और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से बात हुई है। विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने मुझे सकारात्मक जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे वश में जो होगा, वो करेंगे और आपको आरक्षण मिलना चाहिए।
आरक्षण हमारा हक है- विश्वेंद्र सिंह
उन्होंने कहा है कि वार्ता के लिए कमेटी बना लीजिए। हम केंद्र सरकार को पत्र लिख देंगे, लेकिन आरक्षण देना हमारे हाथ में नहीं है, केंद्र के हाथ में हैं। उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी सरकार का मुख्यमंत्री चिट्ठी लिखता है तो इसका बहुत बड़ा असर पड़ेगा। विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि आरक्षण हमारा हक है, हम अपना हक मांग रहे हैं और उसे लेकर रहेंगे। इसके लिए सर्वसमाज के लोगों का समर्थन भी मिला है। हमें योजनाबद्ध तरीके से चलना पड़ेगा।
विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि कुछ लोग थोथी वाहवाही लूटने के लिए छोटी मोटी पंचायत और महापड़ाव कर रहे हैं, सबसे पहले तो यह बंद होना चाहिए। हम सब आरक्षण के लिए लड़ रहे हैं। चाहे कोई कांग्रेस से हो या भाजपा से सभी को आरक्षण चाहिए, लेकिन युवाओं में जोश नजर नहीं आ रहा।
‘ना सड़कें रोकने की जरूरत, ना ही रेल रोकने की’
विश्वेंद्र सिंह ने समाज से अपील करते हुए कहा कि ना तो हमें सड़कें रोकने की जरूरत है और ना ही रेल रोकने की, हम सबसे पहले सरकार से वार्ता करेंगे। इसके बाद निर्णय लेंगे कि आगे क्या करना है, क्योंकि रेल और सड़क रोककर आंदोलन करने से युवाओं पर जो केस लगते हैं, उससे उनकी नौकरी में दिक्कत आती है, इसलिए ऐसा कोई काम नहीं करना है।
मालूम हो कि एक तरफ जहां पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह महापड़ाव को बंद करने की बात कह रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जयचोली में जाट समाज के लोग 17 जनवरी से महापड़ाव डाले हुए हैं। महापड़ाव पर बैठे समाज के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल जयपुर जाकर सरकार की कमेटी के साथ वार्ता करके भी आया है।