देश के पर्यटन स्थलों के महत्व के और ज्यादा प्रचार-प्रसार के लिए एक नई कवायद शुरू होने जा रही है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसको लेकर एक अवधारणा (कॉन्सेप्ट) नोट तैयार की है. छात्रों की जानकारी बढ़ाने के लिए उच्च शैक्षणिक संस्थानों को टूरिज्म डेस्टिनेशन को गोद लिया जाएगा. इसके साथ ही छात्रों को 2 से 3 बार इन पर्यटन स्थलों का भ्रमण करवाया जाएगा. यूजीसी की ओर से इस नोट को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भेजते हुए इसे लागू करवाने के लिए आग्रह किया है.
कॉन्सेप्ट नोट पर किस तरह से होगा काम
कॉन्सेप्ट नोट में बताया गया है कि देश के पर्यटन स्थलों को प्रमोट करने व देखरेख के लिए प्रत्येक उच्च शिक्षण संस्थान राज्य सरकार और संबंधित पर्यटन अधिकारी की मदद से एक टूरिज्म डेस्टिनेशन को गोद ले सकता है. संस्थान अपने स्तर पर ही संबंधित स्थल का चयन कर पाएगा. संस्थान पर्यटन स्थल के रूप में शहर, वाइल्ड लाइफ सेंचुरी सहित अन्य जगहों का चयन कर सकेंगे. पर्यटन शहरों के उदाहरण में जयपुर का नाम शामिल करते हुए अन्य शहरों का भी उल्लेख किया गया है.
उच्च शिक्षण संस्थानों में होगी कई प्रतियोगिताएं
उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा टूरिज्म डेस्टिनेशन का चयन करने के बाद वहां पर निबंध, चित्रकला सहित अन्य प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा सकती है. इसके साथ ही चयन किए गए पर्यटन स्थल पर साल में 2 से 3 बार विद्यार्थियों का दौरा भी करवाया जाएगा. विद्यार्थियों द्वारा म्यूजियम, ऐतिहासिक स्थल, धरोहरों, वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, हैंडीक्राफ्ट सेंटर का दौरा करवाया जाएगा. साथ ही एंट्री फीस में भी रियायत दी जाएगी.इस भ्रमण से विद्यार्थियों का ज्ञापन भी बढ़ेगा.
सोशल मीडिया पर शेयर होंगे अनुभव
उच्च शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों द्वारा पर्यटन स्थलों का दौरा करने के बाद छात्र अपने लाइव अनुभव को सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं. इसके साथ ही विद्यार्थियों द्वारा पर्यटन स्थलों के दौरे की रिपोर्ट बनाकर भी यूनिवर्सिटी में जमा करवा सकेंगे. इसके साथ ही कॉन्सेप्ट नोट में दिए गए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने के बाद उनकी जानकारी यूजीसी को देनी होगी. इसके तहत सूचनाओं को यूजीसी के एक्टिविटी मॉनिटरिंग पोर्टल पर अपलोड किया जा सकता है.