Homeमुख्य समाचारराजनीति'मोदी नहीं द्रोपदी मुर्मू या वसुंधरा के नाम पर हो ERCP…', विधानसभा...

‘मोदी नहीं द्रोपदी मुर्मू या वसुंधरा के नाम पर हो ERCP…’, विधानसभा में जमकर बरसे टीकाराम जूली; पढ़िए क्या-क्या कहा?

बिजली कटौती को लेकर जूली ने कहा कि पहले जनता बिजली कटौती से परेशान थी, लेकिन अब विभाग ने नए चार्ज लगाकर जनता को लूटने का काम शुरू कर दिया है।

चौक टीम, जयपुर। टीकाराम जूली ने जलदाय कर्मचारियों की समस्याओं पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों की समस्याओं को सुनने के लिए तैयार नहीं है और उन्हें धरने की अनुमति भी नहीं दी जा रही। सांभर और झुंझुनू में कांवड़ियों से मारपीट की घटनाओं पर जूली ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व की बात करने वाली सरकार के राज में कांवड़ियों की पिटाई निंदनीय है, सिर्फ कांस्टेबल पर नहीं, बल्कि पूरे थाने पर कार्रवाई होनी चाहिए। जूली ने आरोप लगाया कि सरकार ने पुलिस प्रशासन को पूरी छूट दे रखी है।

ERCP को लेकर रख दी ये बड़ी डिमांड

उन्होंने कहा- ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) का नाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम से रखने का प्रस्ताव सदन में रखा। जूली ने कहा कि सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मांग की थी कि ईआरसीपी का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से रखा जाए। जूली ने कहा- ईआरसीपी का अधिकतर क्षेत्र आदिवासी और दलित लोगों का है। ऐसे में मेरा प्रस्ताव है कि ईआरसीपी का नाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम से होना चाहिए। वहीं दूसरा सुझाव है कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ईआरसीपी की योजना लेकर आई थी। ऐसे में उनके नाम पर भी रख सकते हैं। लेकिन ऐसा आप करेंगे नहीं।

बिजली कटौती पर सुनाई खरी-खोटी

बिजली कटौती को लेकर जूली ने कहा कि पहले जनता बिजली कटौती से परेशान थी, लेकिन अब विभाग ने नए चार्ज लगाकर जनता को लूटने का काम शुरू कर दिया है। सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत जनता को ठग रही है। वन स्टेट, वन इलेक्शन के मुद्दे पर टीकाराम जूली ने कहा कि संविधान में 5 साल का कार्यकाल पूरा करना जरूरी है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह चुनाव कराने से डर रही है। लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा भय के साए में है। मुख्यमंत्री के गृह जिले में जिला प्रमुख का पद खाली है, जो भाजपा के डर का संकेत है।

कानून व्यवस्था को लेकर उठाया सवाल

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में बढ़ते क्राइम को लेकर दीया कुमारी ने संसद में गांधीजी की मूर्ति के बाहर धरना दिया था। उन्होंने प्रदेश में दलित अत्याचार की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि अब उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी बता दें कि वे संसद में धरना देंगी या विधानसभा में। आज महिला अत्याचार राजस्थान में बढ़ रहे हैं। प्रतिदिन 9 महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहे हैं।

अडाणी और अंबानी के बहाने साधा निशाना

लोकसभा की तरह विधानसभा में भी अडाणी और अंबानी की गूंज सुनाई दी। कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि भाजपा ने अडाणी और अंबानी से चंदा लेकर करोड़ों रुपए के दफ्तर खड़े कर लिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अगर अंबानी को हजारों-करोड़ों की जमीन सस्ते में नहीं देती तो क्या वह शादी पर 5 हजार करोड़ रुपए खर्च कर पाते। पैसे के ऐसे भोंडे प्रदर्शन को अच्छा नहीं कहा जा सकता है।

सलूंबर की घटना को लेकर हुआ हंगामा

वहीं, इससे पहलेशून्यकाल में भारत आदिवासी पार्टी के विधायक थावरचंद ने सलूंबर के अदवास में एक दलित शिक्षक की तलवार से हत्या किए जाने का मामला उठाया। उन्होंने पीड़ित परिवार को अपेक्षाकृत कम मुआवजा देने का जिक्र करते हुए कहा, ‘सरकार मुआवजा देने में पक्षपात कर रही है।’ कांग्रेस के विधायक पितराम काला ने भी दलितों पर अत्याचार के कई मामले उठाए। उन्होंने बीकानेर में युवक लक्ष्मण मेघवाल की हत्या सहित अनेक मुद्दे उठाते हुए कहा, ‘प्रशासन ने क्या कार्रवाई की है?’

इसके बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी विधायक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, ‘यह गंभीर घटना है। दलित अध्यापक को तलवार से काटकर मार दिया गया और सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं, कोई व्यवस्था नहीं, परिवार को नौकरी नहीं।’ विपक्षी विधायकों के हंगामे के बीच, सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री पटेल ने कहा कि दलितों पर अत्याचार को लेकर कांग्रेस आज ‘घड़ियाली आंसू बहा रही है।’ उन्होंने कहा, ‘इनका मकसद विधानसभा की कार्यवाही को नहीं चलने देना है और उसमें बाधा डालना है।’

- Advertisement -spot_img

Stay Connected

Must Read

Related News

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here