भजनलाल सरकार के वो मंत्री जिन्हे नहीं चाहिए सिक्योरिटी और गाड़ी, अपनी पर्सनल कार से जाना करते है पसंद

चौक टीम, जयपुर। राजस्थान में ऐसे भी नेता है जिन्हें सरकार की दी हुई सेवाओं का लाभ नहीं लेना जहां एक तरफ नेता नेता सरकारी गाड़ी, गनमैन, एस्कॉर्ट लेने के लिए तरह-तरह के जतन करते हैं। वहां भजनलाल सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने इन चीजों को लेने से साफ़ इंकार कर दिया है। उन्होंने मंत्री बनने के बाद मिली सरकारी गाड़ी और पीएसओ (पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर) को लौटा दिया है। क्षेत्र में पुलिस एस्कॉर्ट लेने से भी मना कर दिया है। उनका कहना था कि हमें जनता ने चुनकर विधानसभा भेजा हैं, हमें काहे का डर? मुझे किसी तरह का कोई डर नहीं है।

सरकारी काम पर पर्सनल कार से जाना करते है पसंद

मंत्री संजय शर्मा बिना किसी तामझाम के सचिवालय से लेकर विभाग के दौरे करते हैं। वे अपनी पर्सनल कार से ही सचिवालय आते हैं। अगर उन्हें फील्ड में जाना होता है तो भी वे अपनी पर्सनल कार से ही जाते हैं। संजय शर्मा ने 17 जनवरी को भजनलाल सरकार में मंत्री पद संभाला था। इसके बाद उन्हें सरकारी गाड़ी व पीएसओ मिला था। जिसे उन्होंने 4 फरवरी को सरकार को लौटा दिया है।

गनमैन रखने से भी किया इंकार

संजय शर्मा वो विधायक है जिन्हे दोहरी जिम्मेदारी सरकार ने सौंपी है। जी हां संजय शर्मा अलवर शहर से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। साल 2018 में जब वे पहली बार विधायक बने थे। वे प्रदेश के 200 में से उन चुनिंदा विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने सुरक्षा के लिए गनमैन नहीं लिया था। वहीं साल 2018 से 2023 के कार्यकाल में 200 में से केवल 6 विधायक ऐसे थे। जिन्होंने पुलिस का गनमैन नहीं लिया था। इन विधायकों में संजय शर्मा, सिद्धि कुमारी, राजेन्द्र पारीक, ज्ञानचंद पारख, खुशवीर सिंह और भरत सिंह कुंदनपुर शामिल थे। उस समय भी संजय शर्मा ने कहा था कि हमें जनता ने चुनकर विधानसभा भेजा हैं, हमें काहे का डर? मुझे किसी तरह का कोई डर नहीं है।

पीएम मोदी ने ही देश से लाल बत्ती के कल्चर को खत्म किया – संजय

सीएम भजनलाल शर्मा की कैबिनेट में अभी उनके समेत 24 मंत्री हैं। इसमें से सीएम भजनलाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा को अलग-अलग श्रेणियों में सुरक्षा मिली हुई हैं। वहीं कई मंत्रियों को भी अतिरिक्त सुरक्षा और एस्कॉर्ट मिली हुई है। इसके अलावा अन्य सभी मंत्रियों को सरकारी बंगला, गाड़ी और सुरक्षाकर्मी मिले हुए हैं। लेकिन अब मंत्री संजय शर्मा के इस कदम के बाद कई अन्य मंत्रियों पर भी इसका नैतिक दवाब देखने को मिल सकता हैं। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा से वीवीआईपी कल्चर के खिलाफ रहे हैं। पीएम मोदी ने ही देश से लाल बत्ती के कल्चर को खत्म किया था।

संजय शर्मा हर दिन लगाते है पौधा

वही संजय शर्मा इतना ही नहीं मंत्री बनने के बाद से अपनी कार्यशैली से लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। वन एवं पर्यावरण विभाग का जिम्मा संभालने के बाद से ही वे रोज एक पौधा लगाते हैं। वहीं उसकी सुरक्षा व सार संभाल की व्यवस्था भी करते हैं। उन्हें मंत्री पद संभाले हुए अभी 25 दिन हुए हैं। वहीं वे अब तक 25 पौधे लगा चुके हैं। मंत्री बनने के बाद उन्होंने पहला पौधा सचिवालय प्रांगण में ही लगाया था। उसके बाद से वे जहां भी रहते है। वहां एक पौधा जरूर लगाते हैं। उनका कहना है कि वे जब तक इस पद पर रहेंगे। यह क्रम उनका लगातार जारी रहेगा।

पर्यावरण की सुरक्षा करना मेरी पहली प्राथमिकता – संजय

वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने मलमास खत्म होने के बाद 17 जनवरी को सचिवालय में कार्यभार ग्रहण किया था। इस दौरान संजय शर्मा ने विधि विधान से पूजा कर अपनी मां (तारा शर्मा) को सबसे पहले कुर्सी पर बिठाया और मंत्री पद संभाला था। पदभार संभालने के बाद उन्होंने कहा था कि राजस्थान के वन और पर्यावरण की सुरक्षा करना मेरी पहली प्राथमिकता है। ताकि राजस्थान के पर्यटन का विकास हो और ज्यादा से ज्यादा पर्यटक राजस्थान में आए। संजय शर्मा अपने काम को उचत्तम स्थान देते हुए अपने कार्य को पूर्ण रूप से कर रहे है।

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