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राजस्थान के शिक्षामंत्री दिलावर के ऑफिस के बाहर लगा ये पोस्टर क्यों हो रहा है वायरल? जानिए इसकी बड़ी वजह

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का सचिवालय स्थित चैंबर अचानक चर्चाओं में आ गया। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें भी वायरल होने लगीं।

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चौक टीम, जयपुर। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का सचिवालय स्थित चैंबर अचानक चर्चाओं में आ गया। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें भी वायरल होने लगीं। इसकी असली वजह दरअसल यह है कि सरकार की ओर से तबादलों पर रोक हटाने के आदेश जारी होने के बाद दिलावर ने कल बयान दिया था कि उनके विभाग में तबादले नहीं होंगे क्योंकि राजस्थान में जल्द ही बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं।

आपको बता दें शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बयान देने के बाद अब यही मैसेज टाइप करवाकर अपे चेंबर के बाहर चस्पा भी करवा दिया है। हालांकि जो लोग दिलावर को नजदीक से जानते हैं, उन्हें पता है कि दिलावर का मिजाज इसी तरह का है। वे कई बार अपने विवादित बायानों को लेकर चर्चाओं मे रहते हैं तो कई बार कुछ नए प्रयोग उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल करवा देते हैं।

शिक्षक संघ ने सरकार के निर्णय पर निराशा जताई

डॉ रनजीत मीणा प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत ने सरकार के निर्णय पर निराशा जताई है। उन्होंने कहा- भजनलाल सरकार द्वारा तबादलों से बैन हटा दिया गया है अब 10 फरवरी से 20 फरवरी के मध्य तबादलों हो सकेंगे। इस तबादले के महाकुंभ में सबके तबादले होंगे लेकिन तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादले नहीं होंगे राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत सरकार से मांग करता है के तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादले भी आवश्यक हो। हमारे संगठन द्वारा विधानसभा चुनाव पूर्व भारतीय जनता पार्टी के जयपुर कार्यालय में जाकर तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादले की मांग की थी जिसे उन्होंने स्वीकार किया था। अब सरकार द्वारा अपना वादा निभाना चाहिए।

पांच साल से कर रहे हैं इंतजार

उल्लेखनीय है कि राज्य में पिछले पांच साल से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं हो पाए हैं, ऐसे में कई स्कूलों में पद खाली पड़े हैं। दूसरी ओर वर्षों से बाहरी जिलों में बैठे शिक्षकों की तबादले के इंतजार में आंखें पथरा गई हैं। प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों की मांग पर 18 अगस्त 2021 से शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे, जिसमें प्रदेश के 33 जिलों से कुल 80 हजार 781 शिक्षकों ने आवेदन कर तबादला करने की मांग की, लेकिन गहलोत सरकार ने आवेदन लेने के करीब दो साल तक सत्ता में रहने के बावजूद तबादले नहीं किए। अब शिक्षकों को नई सरकार से उम्मीद थी। लेकिन फिलहाल निऱाश है।

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