एज्युकेशन चौक की खास पेशकश शिखर में आज हम बात करने जा रहे अनुराग कुमार की. एक समय स्नातक की परीक्षा में कई विषयों में फेल होने वाले अनुराग ने जब ठानी तो सफलता भी उनसे ज्यादा दूर नहीं रही. शिखर पर पहुंचने की इस कहानी में आज हम बात करने जा रहे हैं बिहार के रहने वाले अनुराग कुमार (IAS ANURAG KUMAR) की. जिन्होंने एक नहीं दो बार लगातार यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा क्लियर की.
सबसे कठिन परीक्षा में दो साल में पाई दो बार सफलता
भारत में अगर सबसे कठिन परीक्षा की बात की जाए तो सबसे ऊपर यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा की. इस परीक्षा को पास करने का हर विद्यार्थी का सपना होता है. अपने विद्यार्थी जीवन में ही एक विद्यार्थी इस परीक्षा की तैयारी शुरू करता है. साथ ही एक विद्यार्थी एक ना एक बार इस परीक्षा में अपना भाग्य जरुर आजमाता है. लेकिन इस परीक्षा में सफल होने कड़ी मेहनत और डेडिकेशन बहुत जरुरी होता है. इस परीक्षा को दो साल में दो बार पास कर अनुराग कुमार युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बन गए हैं. जिन्होंने 2017 में परीक्षा तो क्लियर की लेकिन मनमाफिक रैंक हासिल नहीं करने के बाद 2018 में फिर से टॉप-50 में जगह बनाकर अपने सपने को पूरा किया.
अनुराग का जीवन परिचय
अनुराग कुमार मूल रूप से बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले हैं. अनुराग ने 8वीं कक्षा की पढ़ाई हिंदी माध्यम स्कूल से पूरी की. 8वीं पास करने के बाद अनुराग का दाखिला अंग्रेजी माध्यम स्कूल में करवाया गया. अनुराग ने 10वीं कक्षा में 90 फीसदी अंक हासिल किए. लेकिन 12वीं कक्षा प्री-बोर्ड की परीक्षा में फेल होने के बाद भी अनुराग ने हार नहीं मानी. असफलता अभी अनुराग का पीछा छोड़ने वाली नहीं थी. दिल्ली में ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान अनुराग कई विषयों में फेल हो गए थे.
2017 और 2018 में दो बार दी यूपीएससी की परीक्षा
पीजी की पढ़ाई पूरी करने के बाद अनुराग ने ठानी की वो यूपीएससी सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुटेंगे. एक बार 12वीं में प्री बोर्ड और एक बार स्नातक की परीक्षा में फेल होने वाले अनुराग के सामने चुनौती कठिन थी. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. अनुराग कुमार ने पूरी लगन और मेहनत से यूपीएससी की तैयारी शुरू की. साल 2017 में अनुराग ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा को क्लियर किया. लेकिन इस दौरान उनकी रैंक 677 वीं बनी. जिससे अनुराग संतुष्ट नहीं थे. जिसके बाद फिर से वो यूपीएससी की तैयारी में जुट गए. और महज 1 साल की तैयारी के बाद ही अनुराग कुमार ने 2018 में 48 वीं रैंक हासिल करते हुए अपने सपने को पूरा किया.