चौक टीम, जयपुर। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के वक्तव्य पर सियासी बयानबाजी लगातार जारी है। अब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकसभा में पीएम मोदी द्वारा राहुल गांधी पर की गई टिप्पणी को हताशा का परिचायक बताया है। साथ ही यह भी कहा कि जनता अब उनकी हताशा को जान चुकी है। इसलिए उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जा रहा- गहलोत
अशोक गहलोत ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान जारी कर कहा कि, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के लिए जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। वह उनकी हताशा का परिचायक है। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री को ना अपने पद और ना ही सदन की गरिमा की चिंता है। जनता उनकी हताशा को जान चुकी है। इसलिए उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भाजपा की हार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनर्गल टिप्पणियों का परिणाम बताया है। उन्होंने आगे कहा कि बांसवाड़ा (राजस्थान) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैली में मंगलसूत्र, घुसपैठिया जैसी भाषा में जो भाषण दिया। उसके बाद लगातार 1 जून तक उनके भाषण नकारात्मक रूप से देशभर में चर्चा में रहे। उनकी हार का एक कारण उनकी अनर्गल टिप्पणियां भी रही हैं।
पीएम मोदी ने बालक बुद्धि करार दिया था
दरअसल, पीएम मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन्हें बालक बुद्धि करार दिया था। उन्होंने कहा, “कांग्रेस आजकल एक बच्चे को बहलाने में लगी हुई है। कांग्रेस 99 सीटें जीतकर भी अपनी जीत का दंभ भर रही है और जीत की खुशी मना रही है। जिसे कांग्रेस अपनी बंपर जीत बता रही है वो उसकी करारी हार है। कांग्रेस पार्टी को ये हजम नहीं हो रहा है कि कोई गैर कांग्रेसी लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बना।”
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “मुझे एक किस्सा याद आता है कि एक बच्चा 99 नंबर लाकर बहुत खुश हुआ और वो घमंड में घूम रहा था। वो सभी को दिखा रहा था कि देखो मेरे कितने अच्छे मार्क्स आए। लोग भी उसके 99 नंबर देखकर उसे शाबाशी देने लगे। इतने में उसके टीचर आए और कहने लगे कि भाई, किस बात की शाबाशी दी जा रही है। इसके 99 मार्क्स 100 मे से नहीं बल्कि 543 में से आए हैं।”
पीएम मोदी ने हमला जारी रखते हुए आगे कहा, “अब उस बालक बुद्धि को कौन समझाए कि तुमने लगातार तीन बार फेल होने का रिकॉर्ड बना दिया है। यही नहीं जब ये बालक बुद्धि सवार हो जाती है तो लोग सदन में लोगों के गले पड़ने लगते हैं।”