अंकित तिवारी। जयपुर। जयपुर नगर निगम हेरिटेज की कार्यवाहक मेयर कुसुम यादव फिलहाल स्थायी रुप से नियुक्त नहीं होंगी। कुसुम यादव का कार्यकाल राजस्थान सरकार ने 60 दिन के लिए बढ़ा दिया है। तत्कालीन मेयर मुनेश गुर्जर को पद से हटाने के बाद कुसुम यादव को सरकार ने कार्यवाहक मेयर के तौर पर नियुक्त किया था। 24 सितंबर को सरकार ने आदेश जारी करते हुए कुसुम यादव को कार्यवाहक मेयर नियुक्त किया था। उस समय इनका कार्यकाल 60 दिन का था, जो रविवार को पूरा हो गया था। कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार आदेश जारी करके इनके कार्यकाल का एक्सटेंशन करेगी।
मुनेश गुर्जर को हटाकर हुई थी नियुक्ति
भ्रष्टाचार के मामले में एसीबी द्वारा चालान पेश करने के बाद मुनेश गुर्जर को सरकार ने पार्षद और मेयर के पद से निलंबित कर दिया था। मुनेश के पति सुशील गुर्जर के साथ दो अन्य व्यक्तियों को पट्टा जारी करने की एवज में रिश्वत मांगने के मामले में गिरफ्तार किया था। इस प्रकरण में एसीबी ने मुनेश गुर्जर को भी आरोपित बनाया था। कुसुम यादव ने साल 2020 में हुए नगर निगम चुनावों में बीजेपी से टिकट न मिलने के बाद बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। उस समय उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को हराकर वार्ड 74 से चुनाव जीतकर पार्षद बनी। हालांकि जीत के बाद वे खुद बीजेपी गई और उन्होंने बीजेपी को समर्थन दिया। इसके कुछ समय बाद बीजेपी ने उन्हें वापस प्राथमिक सदस्यता दी।
निगमों में बदल चुका है कुर्सी का गणित
नगर निगम ग्रेटर और नगर निगम हैरिटेज दोनों में चार साल के कार्यकाल के दौरान 2-2 मेयर अब तक नियुक्त हो चुके है। इससे पहले गहलोत सरकार के समय ग्रेटर निगम में वर्तमान मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर के अलावा यहां कार्यवाहक के तौर पर शील धाबाई भी रही थीं। वहीं अब भजनलाल सरकार में मुनेश गुर्जर के निलंबित होने के बाद कुसुम यादव को कार्यवाहक मेयर लगाया है। हेरिटेज नगर निगम में कांग्रेस पार्षदों के समर्थन से कुसुम यादव कुर्सी बचाने में सफल रही है।