Homeमशहूर लोगशिक्षक संजय सक्सेना एक ऐसा नाम, जिसने बदल दी स्कूल की तस्वीर

शिक्षक संजय सक्सेना एक ऐसा नाम, जिसने बदल दी स्कूल की तस्वीर

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सिरोही जिले के कोड़ियाछीतु के माध्यमिक स्कूल की ऐसी तस्वीर बदली की आज प्रदेश के हर सरकारी स्कूल के सामने एक आदर्श पेश कर रही है. और इस बदली हुई तस्वीर के चित्रकार कोई और नहीं स्कूल के ही एक शिक्षक संजय सक्सेना हैं. जिन्होंने स्कूल के सर्वांगिण विकास के लिए ना सिर्फ अपने वेतन से हर सहयोग सहायता की साथ ही राज्यपाल पुरस्कार के रूप में मिली पूरी राशि भी स्कूल में स्मार्ट क्लास रूम बनाने के लिए समर्पित कर दी. शिखर पर पहुंचने के सफर में आज हम बाद करने जा रहे हैं शिक्षक संजय सक्सेना की.

सरकारी स्कूल में निजी स्कूलों जैसी सुविधाएं. बच्चों का नहीं करता घर जाने का मन

शिक्षक संजय सक्सेना के प्रयासों से आज कोड़ियाछीतु के माध्यम स्कूल की तस्वीर ऐसी बदल गई है कि वो आसपास के सभी निजी स्कूलों को ना सिर्फ कड़ी टक्कर दे रहा है. साथ ही नामांकन के मामले में भी निजी स्कूलों से आगे निकल गया है. आज यहां पढ़ने वाले बच्चों का घर जाने का मन नहीं करता है. जिसकी वजह है डिजिटल आकर्षक थ्रीडी चार्ट, बैठने के लिए आकर्षक बैंच, स्मार्ट टीवी, आकर्षक फर्श पर कारपेट जैसी सुविधाएं. 

बच्चों के भविष्य को बनाने की ललक, पुरस्कार राशि से बना दिए स्मार्ट क्लास रूम

शिक्षक संजय सक्सेना ने जब स्कूल में कदम रखा तो स्कूल के हालात कोई खास अच्छे नहीं थे. साथ ही गिरता हुआ नामांकन भी परेशानी का सबब बना हुआ था. उसी समय संजय ने निश्चित कर लिया की स्कूल की तस्वीर बदलनी है. संजय सक्सेना ने स्कूल के सर्वांगीण विकास की ओर कदम बढ़ाने शुरू किए और देखते ही देखते उनके ये प्रयास रंग लाने लगे. उनके द्वारा स्कूल के विकास के योगदान के लिए 5 सितम्बर को राज्यपाल द्वारा उनको पुरस्कृत किया गया. पुरस्कार स्वरूप जो राशि मिली संजय सक्सेना ने अपने स्वर्गीय पिता को समर्पित करते हुए इस राशि से स्कूल में कक्षा 1 और 2 के लिए स्मार्ट क्लास रूम तैयार करवा दिए.

बच्चों की पहल पसंद की हर कोई करता सराहना

आपको बता दें की स्कूल की तस्वीर बदलने के लिए संजय सक्सेना को स्कूल के पूरे स्टाफ का सहयोग मिला. और संजय सक्सेना की ओर से स्कूल के विकास के लिए पूरे स्टाफ को श्रेय दिया जाता है. इसके साथ ही संजय की ओर से किए गए कार्यों को देखते हुए गांव के ही भामाशाहों ने भी हर संभव पहल करना शुरू किया.

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