चौक टीम, जयपुर। 16वीं विधानसभा में सोमवार को खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ग्रामीण और शहरी ओलंपिक खेलों में हुई अनियमितताओं का मुद्दा उठाया। खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि ग्रामीण और शहरी ओलंपिक खेलों के आयोजनों पर विभागीय बजट से चार गुणा ज्यादा पैसा खर्च हुआ है। उन्होंने कहा कि करीब 126 करोड़ की तो केवल टी-शर्ट खरीदी गईं हैं।
दरअसल, पूर्ववर्ती सरकार के समय प्रदेश में हुए खेलों के आयोजन पर अब सवाल उठ रहे हैं। भजनलाल सरकार ने इन खेलों के जांच की आज विधानसभा में घोषणा कर दी है। खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि ग्रामीण और शहरी ओलंपिक खेलों की जांच को हम तैयार हैं। मंत्री ने साफ किया कि इन खेलों के आधार पर किसी को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।
सरकारी सेवा में आउट ऑफ टर्न नियुक्ति नहीं- राठौड़
खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि ग्रामीण ओलंपिक खेलों के आधार पर राज्य, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तरीय अन्य प्रतियोगिताओं के लिए प्रतिभाओं के चयन या सरकारी सेवा में आउट ऑफ टर्न नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान नहीं है। खेल सहायता अनुदान नियम के तहत 7145 आवेदन मिले हैं जिनकी जांच के बाद पात्र खिलाड़ियों को सहायता दी जाएगी। खेल मंत्री ने कहा कि आउट आफ टर्न सरकारी सेवा में नियुक्ति के लिए 142 खिलाड़ियों के आवेदन प्रक्रियाधीन है। इन्हें सरकारी नौकरी देने का काम प्रोसेस में है।
इसके अलावा विधायल मनोज न्यांगली ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा कि खेल घोटाले में एक दंपत्ति का हाथ है। उस दौरान जमकर घोटाला हुआ, गबन किया। मुख्य खेल अधिकारी के चयन में गड़बड़ी है। मुख्य खेल अधिकारी के पद पर चयन में गलत शपथ पत्र दिया है। रेलवे में 16 और 17 सीसीए के नोटिस मिले हुए थे जिनकी जानकारी छिपाई। इसकी जांच होनी चाहिए।
ओलिंपिक खेलो में 156 करोड़ रुपए हुए खर्च
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस राज में हुए ग्रामीण ओलंपिक खेलों के खर्च की जांच होगी। वित्त विभाग की कमेटी इसकी जांच करेगी। राठौड़ ने कहा कि यह चिंता और चिंतन का मुद्दा है कि विभाग का जितना बजट है उसका चार गुणा पैसा खर्च हुआ। कोई स्टेडियम नहीं बना, कोई असेट नहीं बनाया, 126 करोड़ केवल टीशर्ट खरीदने में खर्च हुआ। किन कंपनियों से ये खरीद हुई, टेंडर प्रक्रिया सही थी या नहीं इन सबकी जांच करवाई जाएगी।