चौक टीम, जयपुर। बिहार में सत्ता परिवर्तन की अटकलों के बीच पटना से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साथ बैठक हो रही है। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय जनता दल बहुमत के जुगाड़ में जुट गई है। वहीं सुशील मोदी, सम्राट चौधरी, तारकिशोर प्रसाद समेत बिहार के बीजेपी नेता दिल्ली से लौट रहे हैं। इसके अलावा जेडीयू सूत्रों के मुताबिक ये जानकारी भी आई है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार कल इस्तीफा देंगे।
आरजेडी ने मांझी के बेटे को दिया ये ऑफर
इसके साथ ही ये जानकारी भी सामने आ रही है कि राजद की ओर से पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन मांझी को डिप्टी सीएम पद देने का ऑफर दिया गया है। हालांकि, संतोष मांझी ने कहा कि हम बीजेपी के साथ चलेंगे। हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन मांझी ने नीतीश कैबिनेट से जून 2023 में इस्तीफा दे दिया था। जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के पास अभी चार विधायक हैं।
वहीं, आरजेडी नेता और सांसद मनोज झा ने कहा है कि ये जो भी हो रहा है बिहार के लिए ठीक नहीं है। राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, 9 अगस्त 2022 को जब ये गठबंधन बना तब इसकी बुनियाद की ईंट लालू यादव, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने रखी। इस ईंट की तासीर थी कि हमें भाजपा की भय, भूख और घृणा वाली राजनीति को विराम देना है। मुख्यमंत्री भी टेलीविजन देख रहे होंगे, मुझे यकीन है कि वे शाम तक इसका खंडन कर देंगे।
जल्दबाजी के मूड में नहीं बीजेपी
सूत्रों के मुताबिक, बिहार में सरकार बनाने के लिए बीजेपी कोई हड़बड़ी में नहीं है। सिर्फ जेडीयू के नेता ही जल्दबाजी दिखा रहे हैं। अगर बीजेपी नीतीश कुमार के साथ गठबंधन में जाती है तो वो अपनी शर्तों पर नीतीश कुमार के साथ जाएगी। बीजेपी अपने नेताओं के साथ पूरी चर्चा करके जानेगी कि जेडीयू के साथ गठबंधन उसके भविष्य के लिए कितना हितकारी और फायदेमंद रहेगा।
नीतीश कुमार ने रद्द किए सभी कार्यक्रम
बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने रविवार को तय सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। वे महाराणा जयंती के अवसर पर एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करने वाले थे। जदयू ने अपने सभी विधायकों को पटना लौटने का फरमान जारी किया है। भाजपा के तमाम नेता दिल्ली में हाईकमान के साथ ताबड़तोड़ मीटिंग कर रहे हैं। एनडीए के सभी सहयोगी दलों से भी बातचीत चल रही है।
मालूम हो कि नीतीश कुमार ने 2022 में भाजपा से गठबंधन तोड़कर लालू यादव की राजद के साथ गठबंधन कर लिया था। लेकिन बीते कई दिनों से दोनों दलों के बीच खींचतान मची हुई है। नीतीश कुमार ने 2020 में भाजपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन 2 साल बाद ही नीतीश कुमार ने पलटी मार ली और बिहार की सबसे बड़ी पार्टी राजद के साथ मिलकर सरकार बनाई।
ये है विधानसभा का गणित
2020 विधानसभा चुनाव में जदयू ने 115, भाजपा ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था। भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 74 सीटें जीतने में कामयाब हुई तो वहीं नीतीश की पार्टी ने सिर्फ 43 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी। वर्तमान में बिहार विधानसभा में सीटों की कुल संख्या 243 है। यहां बहुमत साबित करने के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है।