यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा को पास करना हर विद्यार्थी का सपना होता है. जिनको सुविधाएं विरासत में मिलती है वो आसानी से इस परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं. लेकिन इसमें से भी महज कुछ फीसदी परीक्षार्थी ही इस परीक्षा को पास कर पाते हैं. लेकिन दूसरी ओर जो संघर्षों के रास्तों से गुजर कर इस सफलता को प्राप्त करते हैं वो ही इतिहास कायम करते हैं. शिखर पर पहुंचने की कड़ी में आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे इंसान की जिसके संघर्ष की कहानी 10 साल बाद भी युवाओं के लिए एक प्रेरणा की कहानी बनी हुई है. और वो शख्स हैं नीरीश राजपूत
नीरीश राजपूत का जीवन परिचय
नीरीश राजपूत मध्यप्रदेश के भिंड जिले के रहने वाले हैं. नीरीश के पिता कपड़ों की सिलाई का काम करते थे. एक छोटे से कमरे में माता-पिता और 3 भाई बहनों के साथ आर्थिक तंगी से गुजरते हुए अपना जीवन यापन किया. पढ़ाई में अच्छे नीरीश ने कभी आर्थिक तंगी को अपनी पढ़ाई के आड़े नहीं आने दिया.
अखबार बेचकर जुटाए फीस के पैसे
नीरीश राजपूत बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे. परिवार की आर्थिक तंगी के चलते फीस के भुगतान में काफी परेशानी होती थी. लेकिन नीरीश ने अपनी फीस भरने के लिए पढ़ाई के दौरान अखबार बांटने का काम किया. इसके साथ ही पिता के काम में भी उनका हाथ बंटाते थे.
आगे की पढ़ाई के लिए किया पार्ट टाइम जॉब
नीरीश राजपूत ने 10वीं कक्षा में 72 फीसदी अंक हासिल किए. आगे की पढ़ाई के लिए नीरीश राजपूत ग्वालियर चले गए. सरकारी कॉलेज में पढ़ाई करने के दौरान बीएससी और एमएससी में पहला स्थान प्राप्त किया. लेकिन में किसी प्रकार की कोई बाधा ना आए इसलिए नीरीश ने पार्ट टाइम जॉब भी की.
परीक्षा की तैयारी के लिए दोस्त ने की मदद
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए नीरीश राजपूत दिल्ली चले गए. इस दौरान नीरीश की मदद की उनके दोस्त ने जो खुद आईएएस की तैयारी कर रहे थे. नीरीश उनके साथ रहकर की तैयारी करने लगे. दोस्त के नोट्स को पढ़कर ही नीरीश ने परीक्षा की तैयारी की.
तीसरे प्रयास में मिली सफलता
पैसों के अभाव में नीरीश राजपूत कोचिंग का खर्चा नहीं उठा सकते थे. जिसके चलते नीरीश खुद के स्तर पर ही तैयारी में जुटे रहे. नीरीश ने दो बार परीक्षा दी लेकिन दोनों बार उनको असफलता का सामना करना पड़ा. लेकिन 2013 का साल नीरीश के नाम रहने वाला था जब नीरीश ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 370वीं रैंक हासिल कर अपना सपना पूरा किया