Sikkim में इस वक्त भारी तनाव का माहौल बना हुआ है Sikkim में बादल फटने से हजारो लोगो को अपने घरो को छोड़ना पड़ा है वही अभी भी Sikkim की इस्थित काफी गंभीर बनी हुई है। आपको बता दे की सिक्किम में 3 अक्टूबर को बादल फटने के बाद तीस्ता नदी में आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 21 हो गई। रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है।
23 जवानों में से 7 के शव नदी के निचले इलाकों से बरामद
मुख्यमंत्री पीएस तमांग ने गुरुवार को बताया कि बुरदांग इलाके से लापता हुए सेना के 23 जवानों में से 7 के शव नदी के निचले इलाकों से बरामद कर लिए गए हैं। लापता जवानों में से एक को बचा लिया गया था। 15 जवान समेत कुल 118 लोग अभी भी लापता हैं। इन्हें ढूंढने के लिए NDRF, SDRF और वायुसेना के हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं। सिक्किम के मुख्य सचिव विजय भूषण ने बताया, बाढ़ के चलते अभी विभिन्न इलाकों में 7 हजार लोग फंसे हुए हैं। जिसमें लाचेन और लाचुंग में अकेले लगभग 3 हजार लोग फंसे हुए हैं।
सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से सभी को निकाला जाएगा
700-800 ड्राइवर भी वहां अटके हैं। 3150 लोग जो मोटरसाइकिलों पर वहां गए थे वे भी वहां फंस गए हैं। सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से सभी को निकाला जाएगा। बाढ़ के हालात देखते हुए शिक्षा विभाग ने 15 अक्टूबर तक सभी स्कूल बंद करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने पहले 8 अक्टूबर तक ही बंद करने की बात कही थी। … व्ही वैज्ञानिकों को आशंका है कि नेपाल में आए भूकंप से सिक्किम की ल्होनक झील टूटी। उसका दायरा एक तिहाई रह गया। जब बादल फटा तो झील इतना पानी रोक नहीं पाई।
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यहां खड़ी 41 गाड़ियां डूब गईं
इससे तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई। नदी का जलस्तर 15 से 20 फीट तक बढ़ गया। नदी से लगे इलाके में ही आर्मी कैंप था, जो बाढ़ में बह गया और यहां खड़ी 41 गाड़ियां डूब गईं। … बमुश्किल 10 सेकंड में, 13,000 करोड़ रुपए की तीस्ता-3 पनबिजली परियोजना का 60 मीटर ऊंचा बांध लहोनक झील से आई बाढ़ से पूरी तरह बह गया। शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने दो साल पहले चेतावनी दी थी कि सिक्किम में दक्षिण झील भविष्य में फट सकती है और निचले क्षेत्र को तबाह कर सकती है।
मोर्टार का एक गोला फटने से कम से कम दो लोगों की मौत
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में कथित तौर पर तीस्ता नदी के बाढ़ के पानी में मोर्टार का एक गोला फटने से कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस का मानना है कि मोर्टार शेल सेना का था जो बुधवार को सिक्किम से बाढ़ के पानी के साथ बहकर यहां आ गया। एक व्यक्ति इसे घर ले गया और उसका लोहा बेचने के लिए तोड़ने की कोशिश की। तभी शेल फट गया। इस बीच, जलपाईगुड़ी पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों से नदी में बहने वाले किसी भी गोला-बारूद या विस्फोटक से दूर रहने के लिए कहा है।
तीस्ता नदी बेसिन में जाएं तो सावधान रहें
सिक्किम सरकार ने भी इसी तरह की चेतावनी जारी की है और लोगों से कहा है कि अगर वे तीस्ता नदी बेसिन में जाएं तो सावधान रहें क्योंकि गंदे पानी के नीचे विस्फोटक और गोला-बारूद हो सकता है। सिक्किम के 4 जिलों- मंगन, गंगटोक, पाक्योंग और नामची में बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां 22 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं, वहीं 2 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया है।
11 ब्रिज तबाह हो गए हैं
यहां 26 रिलीफ कैंप लगाए गए हैं। इन चार जिलों में पानी की पाइपलाइन, सीवेज लाइन और 250 से ज्यादा घर टूट गए हैं। 11 ब्रिज तबाह हो गए हैं। सिक्किम में सैकड़ों गांव मुख्य मार्गों से कट चुके हैं। दिखचू, सिंगतम और रांगपो शहर पानी में डूब गए हैं। बाढ़ में सिक्किम को देश से जोड़ने वाला नेशनल हाईवे NH-10 भी बह गया। राज्य सरकार ने इस घटना को आपदा घोषित किया है।
2021 में इंटरनेशनल रिसर्चर्स की एक स्टडी सामने आई थी
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिक्किम के हालात जानने के लिए मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से बातचीत की। उन्हें मदद देने का आश्वासन दिया। …. 2021 में इंटरनेशनल रिसर्चर्स की एक स्टडी सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि सिक्किम की साउथ ल्होनक झील कभी भी फूट सकती है। इसका प्रभाव निचले इलाकों में पड़ने की आशंका जताई गई थी। ये स्टडी जियोमॉर्फोलॉजी नाम के जर्नल में प्रकाशित हुई थी। इसमें कहा गया था कि बीते एक दशक में ल्होनक झील में तेजी से ग्लेशियर पिघले हैं। इसकी वजह से झील में बाढ़ आने की आशंका बढ़ी है।