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शिक्षा विभाग की रैंकिंग में सीकर टॉप पर, तो जयपुर पहुंचा 8वें नम्बर पर

राजस्थान की अगर बात की जाए तो प्रदेश की सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर और गुणवत्ता को लेकर हर महीने जिलों की रैंकिंग जारी की जाती है. शिक्षा विभाग की ओर से जारी की जाने वाली इस रैंकिंग में चार श्रेणियों में 150 में से अंकों का निर्धारण किया जाता है. 150 अंकों के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में अंकों के आधार पर प्रत्येक जिले की रैंकिंग जारी की जाती है. शिक्षा विभाग की ओर से जारी इस महीने की रैंकिंग में सीकर ने पहला नम्बर हासिल किया है. तो वहीं राजधानी जयपुर ने 8वां स्थान प्राप्त किया है.

हर महीने जारी की जाती है रैंकिंग

शिक्षा विभाग की ओर से हर महीने सभी जिलों की रैंकिंग जारी की जाती है. राजस्थान के जिले रैंकिंग के लिए तय स्कोर 150 के आधार पर नम्बर दिए जाते हैं. जनवरी की रैंकिंग की अगर बात की जाए तो सीकर ने राजस्थान में पहला स्थान प्राप्त किया है. तो वहीं जयपुर इस रैंकिंग में काफी पिछड़ गया है. जयपुर को इस रैंकिंग में 8वां स्थान प्राप्त किया है. बीकानेर को 14वां, कोटा को 21वां और अजमेर को 25वां स्थान मिला है. रैंकिंग में टोंक सबसे नीचे पायदान पर रहा है. 

इन श्रेणियों में जारी की जाती है रैंकिंग

शिक्षा विभाग की ओर से नामांकन, इंस्पायर अवार्ड के लिे चयनित विद्यार्थियों की संख्या, राजीव गांधी करियर गाइडेंस पोर्टल पर विद्यार्थियों द्वारा किए जाने वाले लॉगिन की संख्या, औसत उपस्थिति, लाइब्रेरी से पुस्तकों का वितरण, राष्ट्रीय या राज्य स्तर पर खेल गतिविधियों में विद्यार्थियों की भागीदारी, नामांकन बढ़ोतरी, जनाधार प्रमाणीकरण, ज्ञाान संकल्प पोर्टल पर प्राप्त राशि सहित अन्य प्रावधानों में अच्छे प्रदर्शन के आधार पर दी जाती है. 

रैंकिंग रहती जा रही महज खानापूर्ति

शिक्षा विभाग की ओर से जारी की जाने वाली रैंकिंग अब खानापूर्ति नजर आने लगी है. जनवरी में जारी की गई रैंकिंग की अगर बात की जाए तो महज 4 जिले ही 50 अंकों से ऊपर अंक हासिल कर पाए हैं. 150 अंकों के आधार पर की जाने वाली रैंकिंग में जनवरी महीने में सीकर ने 58.48 अंक हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया है. ऐसे में जिलों में अब एक तिहाई अंक भी हासिल नहीं कर पा रहे हैं.