चौक टीम, जयपुर। राजस्थान उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक केस की जांच कर रही एसओजी नित नए खुलासे कर रही है। एसओजी ने एसआई भर्ती पेपर लीक के मामले में कई थानेदार पकड़ लिए हैं। दो बार छह छह दिन की रिमांड पर लेने के बाद अब उनको जेल भेजने की तैयारी है। इन थानेदारों में एक थानेदार और भी है जिसका नाम चंचल विश्नोई है। उसकी कहानी किसी फिल्मी स्क्रीप्ट जैसी ही है।
चंचल का पिता श्रवण बाबल हिस्ट्रीशीटर है
बता दें चंचल विश्नोई फिलहाल एसओजी की रिमांड पर है और रिमांड पूरी होने के बाद अब चंचल को जेल भेजने की तैयारी है। श्रवण लाल इन दिनों जमानत पर बाहर चल रहा है। दरअसल, चंचल का पिता श्रवण बाबल है जो कि जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के विवेक विहार थाने का हिस्ट्रीशीटर है। पुलिस ने बताया कि बाबल पर बीस से भी ज्यादा गंभीर केस दर्ज हैं। वह जोधपुर के श्यामलाल जुड़ और बाड़मेर के दिनेश मांजू हत्याकांड का आरोपी भी है। वह करीब 12 साल तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल में रहा था। इस दौरान उसकी मुलाकात पेपर लीक किंग जगदीश उर्फ गुरु विश्नोई से हो गई।
दोनो में इतनी दोस्ती हुई कि यह दोस्ती निभाने के लिए जगदीश ने बिना रुपए लिए श्रवण लाल की बेटी के एसआई भर्ती का पेपर दे दिया। उसे खुद पढ़ाया और चंचल को थानेदार बनवा दिया। चंचल ने भी तमाम परीक्षाएं पास कर लीं और थानेदार बन गई। इस बीच ट्रेनिंग शुरू हो गई। लेकिन ट्रेनिंग के दौरान ही पेपर लीक का भांडा फूट गया और चंचल को भी अरेस्ट कर लिया गया। अब चंचल को जेल भेजने की तैयारी है। श्रवण लाल इन दिनों जमानत पर बाहर चल रहा है।
इस मामले में अब तक कई गिरफ्तार हो चुके हैं
मालूम हो कि अब तक एसआई भर्ती मामले में एसओजी ने एक दर्जन से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही अन्य पेपर लीक मामलों को लेकर भी जांच एजेंसी आरपीएससी मेंबर से पूछताछ कर रही है। वहीं इस कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को जांच में शामिल एसओजी की टीम के सभी सदस्यों से मुलाकात की थी और उनका हौसला बढ़ाया था।
सीएम से मुलाकात के बाद मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने कहा था कि निष्पक्षता से पूरे मामले की जांच की जा रही है। सरकार की मंशा भी साफ है। उन्होंने कहा कि युवाओं के साथ हुए इस खिलवाड़ को लेकर नई सरकार गंभीर है। जांच सही दिशा और निष्पक्षता से आगे बढ़ रही है। सभी पहलुओं को देखते हुए जांच चल रही है। ऐसे में किसी भी तरह की कोई रियायत किसी को नहीं दी जाएगी। अगर किसी की सियासी मिलीभगत भी है तो वो भी सलाखों के पीछे जाएगा।