चौक टीम, जयपुर। इलेक्टोरल बॉन्ड मामले पर सोमवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को सु्प्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने बैंक की वो याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने SC से बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारी देने की समयसीमा को 30 जून तक बढ़ाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एसबीआई कल तक ही जानकारी दे और 15 मार्च तक चुनाव आयोग उस जानकारी को सार्वजनिक करे। एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के समय सीमा 30 जून तक बढ़ाने की मांग की थी।
SBI को कल तक देना होगा डेटा
दरअसल, पिछले महीने ही SC ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर रोक लगाई थी और साथ ही SBI से चुनावी बॉन्ड के दानकर्ता की जानकारी, रकम और चंदा लेने वालों का खुलासा करने के लिए 6 मार्च 2024 तक का समय दिया था। शीर्ष अदालत ने SBI को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारी देने के लिए, अब 12 मार्च यानि कल तक का समय दिया है।
बार एंड बैंच वेबसाइट के अनुसार अदालत ने आदेश दिया “आवेदन में एसबीआई की प्रस्तुतियाँ इंगित करती हैं कि मांगी गई जानकारी आसानी से उपलब्ध है। इस प्रकार 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करने वाला एसबीआई का आवेदन खारिज कर दिया जाता है। एसबीआई को 12 मार्च, 2024 के व्यावसायिक घंटों के अंत तक विवरण का खुलासा करने का निर्देश दिया गया है।”
वहीं पीठ ने एसबीआई को अदालत के निर्देश का पालन करने में विफल रहने पर अदालत की अवमानना के लिए भी आगाह किया। आदेश में कहा गया है, ‘हालांकि हम अवमानना के अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम एसबीआई को नोटिस देते हैं कि अगर अदालत अदालत द्वारा जारी निर्देशों का पालन नहीं करती है तो यह अदालत उसके खिलाफ जानबूझकर अवज्ञा करने के लिए आगे बढ़ेगी।’
सुप्रीम कोर्ट ने SBI से किया ये सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड मामले में सोमवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से पूछा कि उसने पिछले 26 दिनों में उन राजनीतिक दलों की जानकारी देने के लिए क्या कुछ कदम उठाए, जिन्होंने स्कीम पर रोक लगाए जाने से पहले इलेक्टोरल बॉन्ड भुनाए या कैश कराए हैं? शीर्ष अदालत ने पिछले महीने ही स्कीम पर रोक लगाई थी और SBI से इन बॉन्ड के जरिए चंदा लेने वाले राजनीतिक दलों की जानकारी भी मांगी थी।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने SBI की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमे दानकर्ता की जानकारी, दानराशि और प्राप्तकर्ताओं का खुलासा करने के लिए समय सीमा 30 जून तक बढ़ाने की मांग की गई थी। पहले ये डेडलाइन 6 मार्च 2024 थी।