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‘दो बार CM बनाया, केंद्र में मंत्री रहीं…’, वसुन्धरा राजे को लेकर सतीश पूनिया का बड़ा बयान; राहुल गांधी को बताया ‘अपरिपक्व नेता’

चौक टीम, जयपुर। राजस्थान भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया रविवार को बाड़मेर प्रवास पर पहुंचे। पूनिया बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी में आयोजित होने वाले जाट समाज के छात्रावास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। कार्यक्रम में शामिल होने पहले सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राहुल गांधी पर सवाल खड़े किए।

दरअसल, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा हिंदुओं को लेकर दिए गए बयान पर बोलते हुए भाजपा पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि अभी भी कई नेता परिपक्व नही हुए हैं उसका पैमाना राहुल गांधी हैं। राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी गाड़ी पटरी पर दौड़ते- दौड़ते कब उतर जाए और उनका यह बयान पटरी से उतने वाला ही है।

राहुल गांधी को बताया ‘अपरिपक्व नेता’

सतीश पूनिया ने कहा कि लोगों ने कहा कि राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष के नाते अच्छा भाषण दिया पर एक कमी छोड़ दी। उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि किसी व्यक्ति , समाज या फिर दल विशेष के लिए कह सकते हो लेकिन पूरे हिन्दू समाज को बोलना की यह हिंसा करते हैं. पूनिया ने कहा कि मुझे लगता है कि इसमें कही ना कही विदेशी ताकतों का हाथ है. पूनिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी लगातार चीन से दूरभाष पर वार्तालाप करते हैं उसका नतीजा तो नही है? पूनिया ने कहा कि इस तरह का बयान कोई अपरिपक्व राजनेता ही दे सकता है।

वसुन्धरा राजे को लेकर सतीश पूनिया का बड़ा बयान

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर किए गए एक सवाल के जवाब में सतीश पूनिया ने कहा कि चुनाव में उनको जहां समय मिला वहां पर वो गई हैं। वो पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। लाखों करोड़ों लोगो मे चंद लोगो मे शुमार होना कम सम्मान नही है। उन्होंने कहा कि जब हमने पार्टी को अपना लिया तो कश्मीर से कन्याकुमारी ओर कच्छ से कामरुप तक पार्टी जो जिम्मेदारी देती है, उसे सहर्ष स्वीकार करके काम करते हैं।

पार्टी ने राजस्थान में मुझे क्यों कुछ नहीं दिया…’

पूनिया ने खुद का उदाहरण देते हुए कहा, ”मेरे मन में भी हो सकता है की पार्टी ने मुझे प्रदेश में कोई भूमिका क्यों नहीं दी है या भूमिका पार्टी ने दी है तो सोच समझ कर दी है। अब मैं इसपर यह निराशा व्यक्त करूं कि मुझे पार्टी ने राजस्थान में क्यों कुछ नहीं दिया तो यह मायने नहीं रखता है। जब हमने पार्टी को अपना लिया तो कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कामरूप तक पार्टी जो भूमिका दे वह हम लोग सहर्ष स्वीकार करते हैं।”