चौक टीम, जयपुर। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के लिए भाजपा नेता राजेंद्र राठौर के बेटे पराक्रम राठौर पद की दौड़ में शामिल होते नजर आ रहे हैं। पिछली सरकार में अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत इस पद पर काबिज रहे है। लेकिन अब दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ के बेटे पराक्रम राठौड़ की चूरू से क्रिकेट संघ के जिला अध्यक्ष चुने जाने के बाद आरसीए के अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही है।
मौका मिलेगा तो मैं जरूर चुनाव लड़ूंगा- पराक्रम
आपको बता दें अब प्रदेश में सत्ता बदल गई है ऐसे में माना जा रहा है कि पराक्रम राठौड़ के चूरू से क्रिकेट संघ के जिला अध्यक्ष चुने जाने के बाद उनकी सूबे की सियासत में एंट्री हो गई है। हालांकि एक मीडिया इंटरव्यू में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि सब कुछ भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है लेकिन जिला क्रिकेट संघों की आम सहमति के बाद अगर मुझे चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा तो मैं जरूर चुनाव लड़ूंगा।
‘राजस्थान के क्रिकेट में उदासीनता का माहौल’
वहीं उन्होंने ये भी कहा कि राजस्थान में क्रिकेट जिस मुकाम पर होना चाहिए था, वहां नहीं पहुंच पाया है। पिछले लंबे वक्त से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर काबिज है, लेकिन बावजूद इसके राजस्थान के क्रिकेट में उदासीनता का माहौल है। खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों के मन मुताबिक और उम्मीद मुताबिक रिजल्ट नहीं मिल रहा है।
RCA अध्यक्ष और खेल मंत्री में कभी नहीं बनी!
दरअसल आरसीए के अध्यक्ष पद की कुर्सी तक पहुंचने के लिए पराक्रम की राह आसान नहीं रहेगी क्योंकि सालों से मुख्यमंत्री के नजदीकी को ही इस पद पर बैठने का सौभाग्य मिला है। मालूम हो कि वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री काल में ललित मोदी आरसीए के अध्यक्ष रहे थे। इसके बाद 2008 में हुए आईपीएल के चलते वह विवादों में फंसे। मोदी के बाद जब विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी आरसीए के अध्यक्ष बने तो भी हाल वही रहा। इसके बाद अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत आरसीए पहुंचे। हालांकि एक तथ्य ये भी है कि आरसीए अध्यक्ष और सरकार के खेल मंत्री की आपस में कभी नहीं बनी।
एसोसिएशन के चुनाव जल्द होने की सुगबुगाहट तेज
बता दें कि आरसीए के मौजूदा अध्यक्ष पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का कार्यकाल दिसंबर 2025 तक है जहां दिसंबर 2022 में उनके दूसरे कार्यकाल की शुरूआत हुई थी। ऐसे में अब सरकार बदलने के बाद माना जा रहा है कि आरसीए में भी सत्ता बदलाव का असर देखा जा सकता है। हालांकि अब तक राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को लेकर चुनाव का ऐलान तो नहीं हुआ है, लेकिन राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन और क्रीड़ा परिषद के बीच MOU खत्म होने के साथ ही राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव जल्द होने की सुगबुगाहट तेज हो गई है।
मालूम हो कि आरसीए के चुनावों में फिलहाल 33 जिला संघ ही गठित हैं जिनके अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष आरसीए के चुनाव में भाग लेते हैं। वहीं वोटिंग का अधिकार केवल सचिव या जिला संघ का होता है। इसके अलावा आरसीए के चुनाव में तीन खिलाड़ी प्रतिनिधियों के वोटिंग अधिकार होते हैं।