चौक टीम, जयपुर। राजस्थान विधानसभा में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। करीब एक घंटे बाधित रहने के बाद विधानसभा की कार्यवाही 4 बजे फिर से शुरू हुई तो निलंबित विधायक मुकेश भाकर को सदन से बाहर निकालने के लिए सभापति वासुदेव देवनानी ने मार्शल बुला लिए। मार्शल भाकर को सदन से बाहर निकालने के लिए आगे बढ़े तो कांग्रेस के विधायक मार्शल से उलझ गए। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हरिमोहन शर्मा धक्का-मुक्की के कारण नीचे गिर गए।
विपक्ष के सदस्य सदन में धरने पर बैठे
हालांकि, सभापति संदीप शर्मा ने इस बीच सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। अब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में विपक्ष के सदस्य सदन में धरने पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि मुकेश भाकर का निलंबन बहाल किया जाए और मंत्री के बेटे को सरकारी अधिवक्ता बनाए जाने के मामले में सरकार सदन में जवाब दे।
विधानसभा में क्यों हुआ हंगामा?
दरअसल, सोमवार को भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एक मंत्री के बेटे को सरकारी अधिवक्ता के रूप में नियुक्ति का मुद्दा उठाया और सरकार से जवाब दिलवाने की मांग की। इस पर हंगामा हुआ तो स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को बजट सत्र की बैठकों से निलंबित कर दिया। इस पर हंगामा हुआ। दो बार सदन की कार्यवाही एक घंटे तक बाधित रही। जब वापस कार्यवाही शुरू हुई तो मुकेश भाकर को सदन से बाहर निकालने के लिए आसन पर मौजूद सभापति संदीप शर्मा ने मार्शल बुला लिए।
मुख्य सचेतक ने रखा भाकर के निलंबन का प्रस्ताव
इससे पहले सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने भाकर के निलंबन का प्रस्ताव पेश किया, जिसे पारित करवा दिया। प्रस्ताव पारित होते ही स्पीकर ने मार्शल को मुकेश भाकर को सदन से निकालने का आदेश दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए 3 बजकर 29 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी। साढ़े 3 बजे कार्यवाही आधे घंटे के लिए फिर स्थगित कर दी गई थी। कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर पर हंगामे के दौरान स्पीकर का अपमान करने का आरोप है। इस पर स्पीकर ने ही सबसे पहले सवाल उठाते हुए प्रस्ताव लाने को कहा था। स्पीकर ने कहा कि सदन चले या न चले, लेकिन इस तरह का बर्ताव बर्दाश्त नहीं होगा।
मार्शल बुलाए जाने से नाराज हुए कांग्रेस विधायक
इस घटना के बाद सभापति संदीप शर्मा ने सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी। इसके बाद मार्शल संजय चौधरी खुद पहुंचे और अपने प्रतिनिधियों को हटाया। मार्शल बुलाए जाने से नाराज कांग्रेस विधायक सदन में ही धरने पर बैठ गए। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का कहना है कि मुकेश भाकर का निलंबन खत्म होने और मंत्री के बेटे को सरकारी अधिवक्ता बनाए जाने पर सरकार के जवाब की व्यवस्था तक सदन में उनका धरना जारी रहेगा।
सदन में रात को भी जारी रहेगा धरना
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज सरकार के सामने संवैधानिक संकट है। सरकार ने पीपी और एपीपी की नियुक्ति सीआरपीसी के तहत की है और भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद यह नियुक्तियां शून्य हो जाती है। हमने आसान से यह मांग की थी कि इस पर सरकार का जवाब आ जाना चाहिए। सरकार इस पर कोई जवाब नहीं देना चाहती। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के लोग उन्हें उकसाते हैं, जिससे गतिरोध हो जाता है। उन्होंने कहा कि मुकेश भाकर का निलंबन निंदनीय है। हम सदन में धरना देंगे, जो रात को भी जारी रहेगा।