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टोंक जिले में निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा की गिरफ्तारी से बवाल, पुलिस-सर्मथकों में झड़प

टोंक में निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा की गिरफ्तारी ने राज्य में राजनीतिक भूचाल ला दिया। एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना के बाद उनके समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं। अशोक गहलोत ने घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, राज्य की कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल।

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शरद पुरोहित,जयपुर। राजस्थान के टोंक जिले में निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा की गिरफ्तारी ने राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने की घटना के बाद मीणा की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बन गई, जहां उनके समर्थकों और पुलिस के बीच तीखी झड़पें हुईं। टोंक एसपी विकास सांगवान के नेतृत्व में पुलिस ने बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर हालात काबू में किए।

हिंसक झड़पों के बीच पुलिस का सामना

गिरफ्तारी के दौरान टोंक के समरवता गांव में मीणा के समर्थकों ने पुलिस पर पत्थरबाजी और आगजनी कर दी। हालात बिगड़ने पर पुलिस को आस-पास के शहरों से अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया और मीणा को हिरासत में लिया। सांगवान के अनुसार, इस हिंसक झड़प में 50-60 लोग हिरासत में लिए गए हैं, और मीणा पर कानूनी कार्रवाई जारी है।

अशोक गहलोत की कड़ी प्रतिक्रिया

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घटना की निंदा करते हुए राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। गहलोत ने कहा, “एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना शासन की कमजोरियों को उजागर करती है। इससे राज्य की विश्वसनीयता खतरे में पड़ सकती है।” गहलोत ने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की, जिससे कानून व्यवस्था को सुधारने के प्रयास हों।

चुनावों पर असर और आगे की संभावनाएं

इस घटना से राजस्थान के राजनीतिक हालात में एक नया मोड़ आया है। राज्य प्रशासन के लिए अब यह चुनौती है कि वे इस तनावपूर्ण माहौल को स्थिरता में बदलने में कैसे सफल होते हैं।

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