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BJP की पहली लिस्ट जारी होने के बाद बगावत शुरू! पूर्व सांसद जसवंत बिश्नोई ने जताई नाराजगी, क्या गजेन्द्र शेखावत को होगा नुकसान?

लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने प्रत्याशियों के नाम तय करना शुरू कर दिए हैं। दिल्ली में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद भाजपा ने बीते शनिवार को पहली सूची जारी की है।

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चौक टीम, जयपुर। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने प्रत्याशियों के नाम तय करना शुरू कर दिए हैं। दिल्ली में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद भाजपा ने बीते शनिवार को पहली सूची जारी की है। पहली सूची में राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से 15 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी ही है। इस पहली लिस्ट में 5 मौजूदा सांसदों रंजीता कोली, राहुल कस्वां, देवजी पटेल, अर्जुन लाल मीणा और कनकमल कटारा के टिकट काटे गए हैं। वहीं पहली लिस्ट आने के बाद जोधपुर के पूर्व सांसद ने विरोध भी जताया है।

‘कौन सुनेगा, किसको सुनाएं, इसलिए चुप रहते हैं’

दरअसल, भाजपा की पहली सूची जारी होने के कुछ देर बाद ही जोधपुर से दो बार सांसद रहे जसवंत सिंह बिश्नोई ने सोशल मीडिया लिखा कि पर कौन सुनेगा, किसको सुनाएं, इसलिए चुप रहते हैं। हमसे अपने रूठ न जाएं, इसलिए चुप रहते हैं। इससे एक बार फिर उनकी पीड़ा बाहर आई है। माना जा रहा है कि बिश्नोई भी जोधपुर से दावेदार थे, क्योंकि 8 विधानसभा वाले लोकसभा क्षेत्र में तीन सीटें बिश्नोई बाहुल्य हैं।

उनके द्वारा सोशल मीडिया पर अपनी बेबसी जाहिर करने के बाद कयास लगाए जाने लगे कि क्या इस बार बिश्नोई कुछ करेंगे? क्या वो पार्टी छोड़ कर निर्दलीय उतर सकते हैं या कांग्रेस के साथ जा सकते है? उनकी पोस्ट पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आईं, जिसके बाद शनिवार रात करीब दो बजे उन्होंने फिर से पोस्ट कर कहा कि उनकी आखरी पोस्ट अब चुनाव के बाद आएगी। इस संदेश ने भाजपा को फिर संशय में डाल दिया है।

घोषणा के कुछ देर बताई जताई नाराजगी

शनिवार को जोधपुर प्रत्याशी की घोषणा के कुछ देर बाद बिश्नोई ने अपने मन की बात लिखी तो कमेंट में उनके समर्थक और प्रशंसकों ने कहा कि कितने दिन तक चुप रहोगे। मैदान में उतरकर अपनी बात रखो। किसी ने कहा- निर्दलीय लड़ो, किसी ने कांग्रेस और आरएलपी गठबंधन से लड़कर बीजेपी को जवाब देने की बात लिखी, क्योंकि पार्टी ने एक भी बिश्नोई को प्रत्याशी नहीं बनाया। इस तरह के कई कमेंट उनकी इस पोस्ट पर आए।

जसवंत सिंह बिश्नोई ने शनिवार रात करीब 2:00 बजे सोशल मीडिया पर लिखा कि मैंने फैसला किया है कि अब मैं एक पोस्ट चुनाव की घोषणा के बाद लिखूंगा, उसके बाद भविष्य में किसी प्रकार की पोस्ट नहीं लिखूगा। इससे कयास लगाए जाने लगे कि इस दौरान बिश्नोई कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं और चुनाव के बाद उस फैसले की वजह जगजाहिर करेंगे।

बिश्नोई दो बार सांसद रह चुके हैं

जसवंत सिंह बिश्नोई पहली बार 1999 में जोधपुर से सांसद निर्वाचित हुए थे। उन्होंने कांग्रेस के बद्रीराम जाखड़ को हराया था. इससे पहले दो चुनाव वे अशोक गहलोत के सामने लड़े थे। 1998 का चुनाव इतना रोचक हुआ था कि बिश्नोई ने अशोक गहलोत की जीत का अंतर महज 5444 तक कर दिया। इसके बाद वे लगातार 1999 और 2004 में सांसद निर्वाचित हुए। परिसीमन के बाद 2009 के चुनाव में वे चंद्रेश कुमारी से हार गए थे।

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