Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img
Homeमुख्य समाचारराजनीतिराजस्थान के नए जिलों को बड़ा अपडेट, इन वजहों से ये जिले...

राजस्थान के नए जिलों को बड़ा अपडेट, इन वजहों से ये जिले हो सकते हैं वापस रद्द

राजस्थान में पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों की समीक्षा के लिए सेवानिवृत्त आईएएस ललित के. पंवार की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट पर बीते सोमवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की कैबिनेट की सब-कमेटी ने बैठक की। इस बैठक में उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा भी उपस्थित थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य नए जिलों के गठन पर पुनर्विचार करना था। हालांकि, कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया, लेकिन छोटे जिलों की संख्या में कटौती के संकेत जरूर मिले हैं।

छोटे जिलों पर सवाल

बैठक के बाद जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने छोटे जिलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि “एक विधानसभा क्षेत्र जितने इलाके को जिला बना दिया तो फिर तो 200 जिले बन जाएंगे।” उन्होंने कहा कि जिलों के गठन में जनसंख्या जैसे मापदंडों को ध्यान में रखना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि एक जिले को बनाने में लगभग 2000 करोड़ रुपए का खर्चा आता है, जो कि प्रशासनिक संसाधनों की कमी की स्थिति में और बढ़ सकता है।

छोटे जिलों का पुनर्गठन

बैठक में चर्चा के दौरान यह भी संकेत मिले कि दूदू, मालपुरा जैसे छोटे जिलों का पुनर्गठन किया जा सकता है। मालपुरा को दूदू के साथ मिलाकर एक बड़ा जिला बनाया जा सकता है। शाहपुरा को वापस से भीलवाड़ा में जोड़ा जा सकता है, जबकि खैरथल तिजारा की जगह भिवाड़ी को जिला बनाया जा सकता है। केकड़ी, सलूम्बर और सांचोर जैसे छोटे जिलों को भी रद्द किया जा सकता है।

विरोध के बावजूद बदलाव संभव

बैठक में यह भी चर्चा हुई कि कई नए जिलों में जनता ने विरोध किया है। उदाहरण के लिए, टोडारायसिंह को केकड़ी जिले में जोड़ दिया गया है, जबकि वहां के लोग चाहते हैं कि वे टोंक में रहें। इस प्रकार, कमेटी जो भी फैसला लेगी, वह जनता के हित में होगा।

कमेटी की रिपोर्ट

पंवार कमेटी ने जिन 17 नए जिलों का परीक्षण किया, उनमें अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, कोटपूतली, बालोतरा, जयपुर शहर, खैरथल, ब्यावर, नीमकाथाना, डीग, जोधपुर शहर, फलौदी, डीडवाना, सलूंबर, दूदू, केकड़ी, सांचौर और शाहपुरा शामिल हैं। इन जिलों के अलावा राजस्थान में बने तीन नए संभाग—बांसवाड़ा, पाली और सीकर—की भी समीक्षा की गई है।

अगले 15 दिन में होगी अगली बैठक

कमेटी की अगली बैठक 15 दिन बाद होगी, जिसमें नए जिलों को लेकर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। रिपोर्ट के आधार पर यह संभव है कि छोटे जिलों को बड़े जिलों में मिलाकर प्रशासनिक दक्षता और खर्च में कटौती की जाए।