चौक टीम, जयपुर। राजस्थान की एक राज्यसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार रवनीत सिंह बिट्टू ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल सहित मंत्रिमंडल के सदस्य मौजूद रहे। कांग्रेस ने बहुमत न होने के कारण चुनाव से पहले ही मैदान छोड़ दिया, जिससे भाजपा को सीधा फायदा हुआ है।
बता दें बिट्टू के नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, डिप्टी सीएम दीया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा सहित मंत्रिमंडल के सदस्य और विधायक प्रस्तावक और अनुमोदक बने। बिट्टू की जीत तय मानी जा रही है। कांग्रेस ने बहुमत कम होने के चलते अपना उम्मीदवार नहीं उतारा। कांग्रेस के उम्मीदवार नहीं उतरने से बिट्टू की जीत तय मानी जा सकती है।
किसानों में सरकार को लेकर कोई आक्रोश नहीं- रवनीत बिट्टू
वहीं नामांकन के बाद केंद्रीय मंत्री और राजस्थान से भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी रवनीत सिंह बिट्टू ने जयपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, देश में कहीं भी किसानों में सरकार को लेकर कोई आक्रोश नहीं है। यह चंद किसान नेता हैं जिन्हें बाहर से पैसा आता है। वही किसानों को गुमराह कर रहे हैं। पहले यह किसान नेता कहते थे कि वह किसी के साथ नहीं लेकिन अब उनका रवैया बदला हुआ है।
केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने गन्ना और कपास सहित सभी फसलों का एक लाख करोड रुपए से भी अधिक का एमएसपी दिया है। ऐसे में किसानों के बीच में कुछ किसान नेता ही भ्रम फैला रहे हैं।
उन्होंने भगवंत मान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार की रेलवे, एयरपोर्ट, हाईवे जैसी योजनाओं को वह धरातल पर उतरते ही नहीं दे रही है। जबकि उसका फायदा पंजाब को ही मिलना है, यह समझना होगा। किसान अपनी जमीन केंद्रीय परियोजनाओं के लिए देने को तैयार है लेकिन इसे लेकर भ्रम फैलाई जा रहा है। पंजाब में फैक्ट्री बंद हो रही है, सड़के नहीं है, लोग बिजनेस बंद करके जा चुके हैं, अर्थव्यवस्था की हालत खराब है। इतनी बुरे हालात कर रखे हैं इन लोगों ने। यह सब उन्ही किसान नेताओं के कारण जिन्हें बाहर से पैसा आ रहा है फंडिंग हो रही है। अब वे कह रहे हैं कि किसान नाराज है।
ये रहेगा चुनाव कार्यक्रम
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख बुधवार थी, और अब 27 अगस्त तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं। कांग्रेस के उम्मीदवार न उतारने की वजह से 27 अगस्त को ही भाजपा उम्मीदवार की जीत की घोषणा संभव है।
राजस्थान में राज्यसभा की 10 सीटों में से 5 कांग्रेस और 4 भाजपा के पास हैं। इस उपचुनाव के बाद भाजपा की सीटों की संख्या बढ़कर 5 हो जाएगी, जिससे दोनों दलों के पास बराबर सीटें होंगी। अब अगले चुनाव जून 2026 में होंगे, जब कांग्रेस और भाजपा की एक-एक सीट खाली होगी।