सियासी नब्ज टटोलकर वापस लौटे रंधावा, कहा- गहलोत-पायलट विवाद होगा खत्म

जयपुर। राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा तीन दिवसीय दौरे से वापस लौट गए हैं। तीन दिनों में कांग्रेस के अधिवेशन से लेकर मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के साथ चर्चा और पार्टी के नेताओं से फीडबैक के अलावा राजस्थान के सियासी मिज़ाज को समझने की रंधावा ने पूरी कोशिश की है। रंधावा ने अपने सहज अंदाज़ और सादगीपूर्ण व्यवहार से राजस्थान की पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में भरोसा जताया है। चार साल में जो नाराज़गी गिले शिकवे है उन्हें जल्द दूर किया जाएगा ख़ासतौर पर रंधावा ने जिस तरीक़े से पंजाब में अपना उदाहरण देकर पार्टी में एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की है उसका संदेश व्यापक तौर पर गया है। रंधावा ने साफ़ कर दिया है कि वे संगठन के आदमी हैं तीन पीढ़ियाँ कांग्रेस पार्टी के लिए काम कर रही है लिहाज़ा राजस्थान में संगठन को मज़बूत करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी और अगर संगठन मज़बूत हुआ तो राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता में वापसी करने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने यह साफ़ कर दिया कि भले ही वे बड़े नेताओं के लिए उपलब्ध हो या नहीं लेकिन कार्यकर्ताओं के लिए उनके दरवाज़े हमेशा खुले रहेंगे।

PCC के वॉर रूम में रंधावा ने खुले दिल से खुले मन से गहलोत पायलट कैंप के नेताओं कार्यकर्ताओं की बात सुनी उनसे सुझाव लिए और उन सुझावों पर अमल करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और PCC चीफ़ को दिशा निर्देश दिशा हैं।इसके अलावा विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी और सचिन पायलट से उनके घर जाकर मिलना भी बेहद अहम माना जा रहा है। प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने गहलोत पायलट विवाद जल्द सुलझाने का दावा किया है। रंधावा ने कहा कि विवाद सुलझाने का काम मेरा है, उनका नहीं है। मैं फाइव स्टार होटल में नहीं बल्कि लोगों के बीच बैठा हूं। विवाद भी सुलझा लेंगे।


उन्होंने कहा कि मेरा पहला काम संगठन को मजबूत करना है और उस दिशा में हम सब काम कर रहे हैं। संगठन की खाली पड़ी नियुक्तियों को शीघ्र भर दिया जाएगा। मैं लगातार दो दिन से नेताओं-कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर उनसे बात कर रहा हूं। फीडबैक के दौरान किसी की भी बहुत बड़ी शिकायत नहीं मिल है, छोटी मोटी चीजें चलती रहती हैं। प्रभारी रंधावा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में टिकट सर्वे के आधार पर मिलेंगे। अभी हम किसी को टिकट नहीं बांट रहे हैं। टिकट से पहले हम सर्वे करवाएंगे और फिर उसके रिजल्ट के आधार पर ही टिकट तय होगा। सर्वे के टाइम पर रंधावा ने कहा कि सर्वे तो जारी है। जिनका नंबर सर्वे में आएगा, वही टिकट के हकदार होंगे।


सुखजिंदर सिंह रंधावा मानते हैं कि राजस्थान में गहलोत सरकार की योजनाएं बेहतरीन हैं आम आदमी ग़रीब आदमी के जीवन में बदलाव लाने वाली है लेकिन प्रचार प्रसार की कमी है मार्केटिंग का सिस्टम भाजपा के मुक़ाबले कमज़ोर है लिहाज़ा योजनाओं का ग्रास रूट तक मैसेज नहीं पहुँच पाता राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट नहीं होने के पीछे सबसे बड़ा कारण यही है उन्होंने कहा कैबिनेट के मंत्रियों विधायकों पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इस संबंध में अपनी भूमिका संभालनी होगी। राजस्थान में संगठन में रिक्त पदों को लेकर उन्होंने कहा कि जल्द ये नियुक्तियां कर ली ली जाएगी

ये सब वे बातें हैं जो पब्लिक डोमेन में है सार्वजनिक तौर पर कही गई है लेकिन भीतरी तौर पर राजस्थान में जो सियासी झगड़ा गहलोत पायलट कैंप के बीच है उसको लेकर भी कई सारे तथ्य और फैक्ट लेकर रंधावा जा रहे हैं वे 3 जनवरी को हो सकता है कि वे सोनिया गांधी और पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलें और अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।आलाकमान को ये बताएंगे कि किस तरह से राजस्थान में चुनावी वर्ष में कांग्रेस चुनावी मैदान में उतरे किस चेहरे के आधार पर चुनाव लड़े किसके पास कमान देनी चाहिए गहलोत पायलट की भूमिका क्या हो सी पी जोशी डोटासरा और जितेंद्र सिंह जैसे बड़े नेताओं का रोल कितना महत्वपूर्ण होना चाहिए। टिकट वितरण में किस तरीक़े से इस बार पार्टी को सख़्ती बरतनी होगी और सर्वे में जो नाम सामने आये उनको किस तरीक़े से प्राथमिकता देनी होगी यह तय है कि गांधी परिवार के भरोसेमंद कहे जाने वाले सुखजिंदर सिंह रंधावा चाहते हैं कि वे अपनी भूमिका बिलकुल स्पष्ट तौर पर रखें गहलोत पायलट के झगड़े में न पड़कर वो कोशिश करें कि वो फ़ैसला हो जो आला कमान चाहता है और उस फ़ैसले की रजामंदी में सभी वरिष्ठ नेताओं की भी सहमति हो अगर वे ऐसा करने में क़ामयाब हो गए तो फिर मिशन 2023 के लिए कांग्रेस पार्टी एकजुट नज़र आ सकती है जयपुर से राजस्थान चौक की रिपोर्ट

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