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ERCP को लेकर राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस पर लगाया बड़ा आरोप, भजनलाल सरकार को क्यों दिया श्रेय? जानिए

राजेन्द्र राठौड़ ने सोमवार को टोंक दौरे के दौरान लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर टोंक-सवाईमाधोपुर संसदीय क्षेत्र के सासंद, विधायकगण एवं भाजपा पदाधिकारियों की लोकसभा कार्ययोजना बैठक ली।

चौक टीम, जयपुर। राजस्थान विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सोमवार को टोंक दौरे के दौरान लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर टोंक-सवाईमाधोपुर संसदीय क्षेत्र के सासंद, विधायकगण एवं भाजपा पदाधिकारियों की लोकसभा कार्ययोजना बैठक ली। इस दौरान प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान के 13 जिलों के लिए बहुप्रतिक्षित पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर राजस्थान व मध्यप्रदेश सरकार के मध्य पानी के बंटवारे की समस्या के समाधान के साथ संयुक्त डीपीआर बनाने पर एमओयू होना 13 जिलों के लाखों लोगों के लिए स्वर्णिम क्षण है जिसका प्रत्यक्ष लाभ टोंक और सवाईमाधोपुर क्षेत्र सहित 13 जिलों के आमजन और किसानों को मिलेगा।

25 लाख किसान परिवारों को मिलेगा फायदा

नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कहा कि ईआरसीपी के तहत पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक में पेयजल उपलब्ध होगा तथा 2.80 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इस परियोजना से 13 जिलों के लगभग 25 लाख किसान परिवारों को सिंचाई जल एवं राज्य की लगभग 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी का सपना नदी से नदी जोड़ने का था। जो बुनियाद उन्होंने रखी थी उसके तहत 40 हजार करोड़ की इस महत्वाकांक्षी ईआरसीपी में 90 फीसदी पैसा केन्द्र सरकार देगी और 10 फीसदी पैसा राज्य सरकार वहन करेगी।

ERCP प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगी- राठौड़

इसके साथ ही राठौड़ ने कहा कि पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना (ईआरसीपी) की संशोधित डीपीआर बनने के बाद टोंक व सवाईमाधोपुर जिले के बीसलपुर, मानसी, गलवा, टोरडी, ढीलमुई और सूरवाल बांध सहित अन्य छोटे बांधों में पानी की आवक सुनिश्चित होगी। जो बांध पूर्व की डीपीआर में शामिल होने से रह गये थे, उनका चयन भी संशोधित डीपीआर में किया जायेगा। इस परियोजना से सवाईमाधोपुर जिले में 1.29 लाख हेक्टेयर और टोंक जिले में 37,513 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई के लिए पानी मिलेगा तथा पेयजल हेतु टोंक में 112 एमसीएम और सवाईमाधोपुर में 71 एमसीएम पानी उपलब्ध होगा। डबल इंजन की सरकार में ईआरसीपी प्रदेश के सर्वांगीण विकास का मील का पत्थर साबित होगी।

राठौड़ ने कहा- पिछली सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई

राठौड़ ने कहा कि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके मित्र मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ईआरसीपी को लेकर कभी गंभीरता नहीं दिखाई। तत्समय राजस्थान और मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी लेकिन तब भी कमलनाथ जी ने इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए एनओसी नहीं दी थी। तत्समय नेता प्रतिपक्ष होने के नाते सर्वदलीय बैठक में मैंने केन्द्र सरकार के पास हाई पावर डेलीगेशन भेजने और संशोधित डीपीआर बनाने की मांग रखी थी लेकिन सरकार की मंशा ही ईआरसीपी पर राजनीति करने की थी। जिसका प्रमाण महामहिम राज्यपाल महोदय के अभिभाषण 23 जनवरी 2023 के पैरा 170 से भी होता है जिसमें सरकार ने स्वयं इस परियोजना को 2051 तक पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई थी।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दिया इसका श्रेय

राठौड़ ने कहा कि ईआरसीपी की आधारशिला पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय रखी गई थी जिसके बाद राज्य में कांग्रेस का राज आने के बाद 5 साल तक खूब राजनीति की गई। जो कार्य कांग्रेस सरकार 5 साल में नहीं कर पाई वो मात्र डेढ़ माह से कम समय के भीतर ही राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार ने कर दिखाया है। इतना ही नहीं राजस्थान में भाजपा की सरकार शासन में आते ही अपराधियों पर नकेल कसने के लिए एंटी गैंगस्टर्स टास्क फोर्स का गठन, पेपर लीक रोकने हेतु एसआईटी का गठन, गरीब महिलाओं को 450 रुपये में गैस सिलेंडर तथा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर तीव्र गति से काम करते हुए जनता से किये हर संकल्प को पूरा कर रही है।

राठौड़ ने कहा कि वर्ष 2014 से देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिन्दुस्तान लगातार हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और नित नए कीर्तिमान रच रहा है। मोदी जी के कुशल नेतृत्व का ही परिणाम है कि आज भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का सपना साकार होते आज हम देख रहे हैं। केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद व गरीब तबके तक सीधा पहुंच रहा है। वर्ष 2014 व 2019 की तरह ही वर्ष 2024 में भी जनता आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी को एक बार फिर से देश की बागडोर सौंपने के लिए लालायित दिख रही है।

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