चौक टीम, जयपुर। भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी उत्कल रंजन साहू ने रविवार प्रातः पुलिस मुख्यालय में डीजीपी का कार्यभार संभाल लिया है। इससे पहले डीजीपी उमेश मिश्रा के वीआरएस लेने के बाद श्री साहू कार्यवाहक डीजीपी के रूप मे कार्य कर रहे थे। पदभार संभालने के बाद साहू ने कहा कि इस साल जारी प्राथमिकताओं के आधार पर अपराध नियंत्रण पर विशेष ध्यान देने के साथ ही महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों, गैंगवार व साइबर अपराधो की रोकथाम की दिशा में विशेष कार्य किया जाएगा।
बता दें डीजीपी साहू वर्ष 1988 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी साहू होमगार्ड का भी अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे थे। अब वह राजस्थान पुलिस की कमान संभालेंगे। उत्कल रंजन साहू मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले हैं। जून 2020 में ही उन्हें डीजी रैंक पर प्रमोशन मिला था।
साहू 1988 बैच के आईपीएस अफसर
वर्तमान में सबसे सीनियर आईपीएस यूआर साहू हैं, जो वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अफसर हैं। वर्ष 1989 बैच के आईपीएस अफसर भूपेंद्र कुमार दक भी उमेश मिश्रा के बैच के हैं और उम्र में बड़े होने के कारण वे मिश्रा से वरिष्ठ माने जाते हैं। इन दो सीनियर अफसरों को दरकिनार करते हुए गहलोत सरकार ने उमेश मिश्रा को 27 अक्टूबर 2022 को डीजीपी बना दिया था।
कौन है आईपीएस उत्कल रंजन साहू ?
उत्कल रंजन साहू का जन्म 20 जून 1964 को ओडिशा में हुआ। वे मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं और 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वो बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे है। उन्होंने ओडिशा से प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद एम.टेक. (इंजी. भूविज्ञान) की पढ़ाई की। साहू ने अपनी पुलिस सेवा की शुरुआत 18 नवंबर 1991 को जोधपुर एएसपी पद से शुरू की थी। उत्कल रंजन साहू को जून 2020 में ही डीजी रैंक पर प्रमोशन मिला था। इससे पहले वो करीब ढाई डीजी होमगार्ड पद पर तैनात थे।
राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित हो चुके हैं साहू
साहू प्रदेश के 8 जिलों में धौलपुर, बाड़मेर, हनुमानगढ़, सीकर बांसवाड़ा, श्रीगंगानगर, भीलवाड़ा और जोधपुर शहर के एसपी रह चुके हैं। जोधपुर एसपी रहते हुए वर्ष 2005 में उन्हें पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है। वसुंधरा राजे के कार्यकाल में जनवरी 2014 से लेकर दिसंबर 2018 तक वे इंटेलिजेंस में एडीजी रह चुके हैं। इस दौरान वर्ष 2016 में उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था। जब से वे डीजी रैंक पर पदोन्नत हुए, तब से होमगार्ड में तैनात रहे।