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राजस्थान का अंतरिम बजट कल, वित्त मंत्री दीया कुमारी ने दिया अन्तिम रूप; क्या पेट्रोल-डीजल की दरें कम होंगी? जानिए

देश की मोदी सरकार ने 1 फरवरी को अपने इस कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश कर दिया है, वहीं राजस्थान का अंतरिम बजट कल पेश होगा।

चौक टीम, जयपुर। देश की मोदी सरकार ने 1 फरवरी को अपने इस कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश कर दिया है, वहीं राजस्थान का अंतरिम बजट कल पेश होगा। उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी ने बुधवार को उप मुख्यमंत्री कार्यालय में वित्तीय वर्ष 2024-25 के राज्य लेखानुदान (बजट) को अन्तिम रूप दिया। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोरा, शासन सचिव वित्त (राजस्व) कृष्णा कांत पाठक, शासन सचिव वित्त (बजट) नरेश कुमार ठकराल एवं निदेशक (बजट) बृजेश शर्मा उपस्थित थे।

आपको बता दें राजस्थान विधानसभा में वित्त मंत्री दिया कुमारी कल सुबह 11 बजे बजट पेश करेगी। यह भजनलाल शर्मा सरकार का पहला बजट होगा। इसमें राज्य सरकार के इस अंतरिम बजट में नई भर्तियां, कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम, हर घर नल का जल, आयुष्मान योजना का विस्तार, किसानों को ब्याज मुक्त लोन, लखपति दीदी स्कीम जैसे कई ऐलान किए जा सकते हैं।

स्वतंत्र वित्त मंत्री के रूप में पहली बार होगा बजट पेश

राजस्थान के इतिहास में मुख्यमंत्री के पास वित्त मंत्रालय का जिम्मा छोड़ दें तो ऐसा पहली बार है कि जब कोई महिला स्वतंत्र रूप से वित्तमंत्री के रूप में बजट पेश करेंगी। इससे पहले मुख्यमंत्री ही बजट पेश करते थे। वर्ष 2003 से 2023 तक दो बार मुख्यमंत्री के रूप में वसुंधरा राजे और दो बार ही अशोक गहलोत ने वित्त मंत्री के तौर पर बजट पेश किया। हालांकि, यह बजट पूर्णकालिक नहीं होकर लेखानुदान होगा, जिसमें सरकार 3 महीने के लिए अपना लेखाअनुदान सदन में पेश कर उसे बहुमत के साथ पारित करवाएगी।

लेखानुदान बजट क्या होता है ?

अंतरिम बजट में सरकार खर्च के अलावा राजस्व का भी ब्यौरा देती है, जबकि लेखानुदान में सिर्फ खर्च के लिए मंजूरी मांगी जाती है। हालांकि लेखानुदान को संपूर्ण बजट ही तैयार करा जाता है, लेकिन इसमें घोषणाओं वाले हिस्से को शामिल नहीं किया जाता। राजस्थान में जब भी नई सरकार बनती है तो लेखानुदान पारित कराया जाता है। क्योंकि राजस्थान में हमेशा सरकार का गठन दिसम्बर माह तक हो जाता है।

बता दें लेखानुदान के तहत सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं लेती है। इस दौरान सिर्फ वेतन, पेंशन, जिला प्रशासन, न्याय प्रशासन, निर्वाचन व कंटिनजेंसी पर पैसा खर्च करने के लिए विधानसभा से मंजूरी ली जाती है। करीब 3 से 4 महीने के लिए यह लेखानुदान लिया जाएगा। लोकसभा चुनावों के बाद राज्य सरकार जून या जुलाई में पूरा बजट ला सकती है।

पेट्रोल-डीजल पर घटाया जा सकता है वेट

लेखानुदान ही सही, लेकिन भजनलाल सरकार का यह पहला बजट होगा. ऐसे में माना जा रहा है कि बजट लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही पेश किया जाएगा. लेखानुदान में पूर्णकालिक बजट की छाया दिखाई दे सकती है. महिलाओं के लिए खजाना खुल सकता है, जबकि युवाओं के लिए नौकरियों की घोषणाएं हो सकती है. इसके साथ चुनाव के बीच आम और ख़ास को देखते हुए पेट्रोल – डीजल पर लगाने वाले वेट को लेकर घोषणा हो सकती है.

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