राजस्थान विधानसभा चुनाव सम्पन्न, 11 तक अटकी प्रत्याशियों की सांसे

लोकतंत्र के महापर्व में राजस्थान विधानसभा चुनाव-2018 में आज यानि 7 दिस्मबर शाम के 5 बजते ही मतदान प्रक्रिया संपन्न हो गए। प्रत्याशियों के मन में असमंजस की स्थिति शुरु हो गई है। 11 तारीख तक अब महज़ कयास ही लगाए जा सकते हैं कि इस बार राजस्थान की बागडोर कौन संभालेगा?

  • विक्लांगों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए उचित व्यवस्था
  • शादी की तरह सजाए गए कई मतदान केन्द्र
  • मतदान करने के बाद महिलाओं ने ली सेल्फी
  • महिलाओं ने गीत गाये और लोकतंत्र का जश्न मनाया

ये रहा राजस्थान में मतदान का समयसार

सुबह 8 बजे मतदान शुरू हो गया लेकिन इस बार मतदान की गति धीमी देखी गई. पर शाम 5 बजे तक मतदान संतोषपूर्ण रहा। शाम 5 बजे तक राजस्थान में 72 प्रतिशत से ज्यादा मतदान का ब्यौरा मिला है। फिर भी वर्ष 2013 के आकड़े की तुलना में लगभग 3 प्रतिशत कम मतदान हुआ।

सुबह 9 बजे तक महज़ 6.11 प्रतिशत मतदान हुआ, उसके दो घंटे बाद, 11बजे तक यही गणना बढ़कर  21.89 प्रतिशत दर्ज की गई। दोपहर 1 बजते बजते मतदाताओं ने जोश दिखाया और मतदान का प्रतिशत  41.53 प्रतिशत हो गया। उसके बाद मतदान की गति में सुधार हुआ और 3 बजे 60 प्रतिशत और 4:30 बजे तक मतदान 65  प्रतिशत तक पहुंच गया। शाम को अंतिम 5 बजे तक मतदान होना था, तब तक 72 प्रतिशत से अधिक पहुंच गया।

कहां कितना हुआ मतदान

सूरतगढ़

82.21

खंडेला

70.87

नीमका थाना

73.19

फुलेरा

74.65

झुन्झुनू

67.38

दांता रामगढ

76.21

श्रीमाधोपुर  68.08 दूदू

78.71

मंडावा

72.61

सीकर

71.54

कोटपूतली

76.09

झोटवाड़ा

66.31

नवलगढ़

70.64

धोद

73.42

झालरापाटन

74.74

आमेर

82.55

नाथद्वारा

70.56

लक्ष्मणगढ़

72.35

शाहपुरा

79.38

जमवारामगढ़

77.06

खेतड़ी

70.50

नोखा

77.82

चौमूं

84.02

टोंक

73.11

 

मतदान का कार्य तो पूरा हो गया है परन्तु अब राजस्थान का भाग्य ईवीएम मशीनों में बंद है। 11 दिसम्बर को 5 राज्यों के भाग्य का फैसला होने वाला है और भाग्य आज़माने वाले सभी प्रत्याशियों का भी। राजस्थान में चुनाव वैसे तो शांतिपूर्ण ही रहा पर, कहीं कहीं कुछ घटनाओं की भी खबर है. जैसे कहीं मशीन में खराबी हो गई तो कहीं लाइट की सही से व्यवस्था नहीं थी तो मतदातों का मतदान अंधेरे में हुआ। मतदान के दौरान कुछेक जगह से झड़प की भी खबर है और कहीं से पुलिस बल प्रयोग होने की भी बात पता चला।

मतदाताओं को जागरूक करने के लिए या ऐसा कहा जाए उनको मतदान केन्द्रों तक लाने के लिए समाज सेवियों ने अपने हाथ खोल दिए थे। मतदान केंद्र को सजाया गया, तो कहीं उनके लिए चाय नाश्ते की व्यवस्था की गई। एक जगह तो मतदाताओं के तिलक लगाकर मतदान केन्द्र पर स्वागत किया गया। इन सब के बावजूद मतदाता में पिछली बार के मतदान का रिकॉर्ड तोड़ने में कामयाब नहीं हो पाए।

 

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