शरद पुरोहित,जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए गैरकानूनी धर्म परिवर्तन रोकने के लिए “राजस्थान प्रोविजन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल 2024” बिल आगामी विधानसभा सत्र में पेश करने का फैसला लिया गया।
विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि, “यह बिल संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों को बनाए रखते हुए प्रलोभन, दबाव या जबरदस्ती से धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर रोक लगाएगा।”
बिल के मुख्य प्रावधान
- प्रलोभन या दबाव से धर्म परिवर्तन:
- दोषियों को पहली बार अपराध पर 1 से 5 साल की सजा।
- नाबालिग के धर्म परिवर्तन के मामलों में सजा 3 से 10 साल तक।
- बार-बार या सामूहिक धर्म परिवर्तन:
- दोषियों को 3 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान।
- स्वैच्छिक धर्म परिवर्तन:
- स्वैच्छिक धर्म बदलने से पहले व्यक्ति को 7 दिन पहले जिला कलेक्टर को सूचित करना अनिवार्य होगा।
- लव जिहाद पर सख्ती:
- विवाह के जरिए धर्म परिवर्तन कराने के मामलों में सख्त प्रावधान किए गए हैं।
संविधान के प्रावधानों के तहत सुरक्षा
कैबिनेट ने स्पष्ट किया कि यह बिल संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 में दी गई धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का सम्मान करते हुए बनाया गया है। स्वैच्छिक धर्म परिवर्तन को रोकने का नहीं, बल्कि प्रलोभन या जबरदस्ती के मामलों पर रोक लगाने का उद्देश्य है।
सरकार का बयान
मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, “यह विधेयक राज्य में धार्मिक सद्भाव बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस बिल के माध्यम से लव जिहाद और सामूहिक धर्म परिवर्तन जैसी गतिविधियों पर लगाम लगेगी।”
यह विधेयक राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता और सांप्रदायिक सद्भाव को बनाए रखते हुए किसी भी प्रकार के प्रलोभन या जबरदस्ती के जरिए धर्म परिवर्तन के मामलों को रोकने में सहायक होगा।