जब भी नेता और वीआईपी लोगों की बात आती है तो कई तरह के विवाद और उनकी निजी जिंदगी के कई अपराधिक मामले सामने आते है। इन सभी के बावजुद उन्हें एक ऐसा मुकाम मिलता है जो कि कई अच्छे इंसानों को नसीब नहीं होता है। हर साल आम लोग अपेक्षा करते हैं कि उनके क्षेत्र से जो भी विधानसभा विधायक चुने जाए वो बेदाग और साफ छवि वाले हों, लेकिन हर चुनाव में इनकी संख्या अब बढ़ती ही जा रही है।
कांग्रेस के लालसोट विधानसभा से विधायक प्रसादी लाल पर आईपीसी सेक्शन-302 के तहत मर्डर का केस चल रहा है। जबकि कांग्रेस के चार अन्य विधायकों पर मर्डर की कोशिश का मामला आईपीसी सेक्शन-307 के तहत चल रहा है। राजस्थान के इस बार वाले चुनाव में भी यह ग्राफ बढ़ता हुआ नजर आया। दागी विधायकों का ग्राफ 5 फीसदी बढ़ा है।
राजस्थान विधानसभा के 199 विधायकों में 23 प्रतिशत के खिलाफ केस लंबित हैं। गंभीर श्रेणी के आपराधिक मामलों में फंसे विधायक भी इस बार ज्यादा विधानसभा में दिखाई देंगे।
रिपोर्ट के अनुसार इस बार 199 में से 46 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। जबकि 2013 में 36 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे। इस तरह इस बार अपराधिक मामले 2013 कि तुलना में 10 प्रतिशत यानि 19 विधायकों से बढ़ा है जो इस बार बढ़कर 14 प्रतिशत हो गया।
कांग्रेस के 99 में से 25 यानी करीब 25 प्रतिशत विधायक ऐसे हैं जिन पर क्रिमिनल केस चल रहे हैं। बीजेपी की बात करें तो उसके 73 में से 12 यानी 16 प्रतिशत विधायकों पर केस चल रहे हैं। इस तरह कभी भी ऐसा नहीं हुआ है जब विधानसभा के सभी विधायक अपराधिक मामले से दूर रहे हो, वैसा ही कुछ इस बार भी हुआ है।