शरद पुरोहित, जयपुर। राजस्थान में सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को निरस्त करने की मांग एक बार फिर से तेज हो गई है। एसओजी (SOG) की ओर से भर्ती रद्द करने के प्रस्ताव के बाद, इस्तीफा दे चुके मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर इस परीक्षा को रद्द कर पुनः आयोजित करने की मांग की है।
पिछले 15 वर्षों से भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ियां
किरोड़ी लाल मीणा ने दावा किया है कि पिछले 15 वर्षों से राजस्थान की सार्वजनिक भर्ती परीक्षाओं में धांधली हो रही है। उन्होंने बताया कि 5 वर्षों तक सड़कों पर संघर्ष करने के बाद भी भर्ती परीक्षाओं में सुधार नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार की उप निरीक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ था, जहां 859 पदों में से 500 से अधिक फर्जी अभ्यर्थी पेपर लीक और डमी उम्मीदवारों के जरिए चुने गए।
SIT जांच से उजागर हुआ भ्रष्टाचार
मीणा ने कहा कि भाजपा सरकार के गठन के बाद गठित SIT की जांच में यह घोटाला सामने आया। आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम राईका और बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया कि उनके कार्यकाल में जितनी भी परीक्षाएं हुईं, उनमें व्यापक स्तर पर गड़बड़ी हुई। उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 में लगभग 8 लाख आवेदकों के बीच पारदर्शिता को लेकर भरोसा उठ गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अयोग्य और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का चयन पुलिस विभाग का अपराधीकरण कर देगा।
परीक्षा निरस्त नहीं होने से निराशा
मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल से अपील की कि इस भर्ती को रद्द कर नई परीक्षा जल्द से जल्द आयोजित की जाए। उन्होंने चिंता जताई कि फर्जी अभ्यर्थी कानूनी लड़ाई लड़कर अपनी नौकरी बचा लेंगे, जो कि विनाशकारी साबित होगा। उन्होंने कहा कि इतने बड़े घोटाले के बाद भी परीक्षा का रद्द न होना आमजन और उनके लिए गहरी निराशा का कारण है।
आरोपी कोर्ट में पेश
उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में गिरफ्तार रामूराम राईका सहित नौ आरोपियों को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। शुक्रवार को एसओजी रिमांड पर चल रहे बाबूलाल कटारा को कोर्ट में पेश करेगी। 31 अगस्त को राईका की गिरफ्तारी के बाद उनकी बेटी शोभा, बेटे देवेश, और पांच अन्य थानेदारों को भी गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद पूछताछ में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।