Homeभारतराजस्थानएससी-एसटी की 59 सीट तय करेंगी किसके सिर सजेगा जीत का ताज

एससी-एसटी की 59 सीट तय करेंगी किसके सिर सजेगा जीत का ताज

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राजस्थान की चुनावी जंग में यह बहुत ही ख़ास अहमियत रखता है कि अनुसूचित जाति और जनजाति का वोट किस पार्टी को मिलता है। राज्य की कुल आबादी में लगभग एक तिहाई मत इसी समाज का है और इस वर्ग की 59 सीटों पर जीत-हार सरकार बनाने में निर्णायक हो सकती है। राज्य के सभी सात मंडलों अनुसूचित जनजाति(एसटी) के मतदाता हैं। वहीं अनुसूचित जाति(एससी) की बात करें तो उदयपुर संभाग में उनकी संख्या ज्यादा है। राज्य के दोनों प्रमुख दल यहां ताकत झोंक रहे हैं। बीजेपी के प्रवक्ता ने बताया हैं कि हम इस बार भी एससी-एसटी की सीटें अच्छी संख्या में जीतेंगे क्योंकि पार्टी ने इन वर्गों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता सत्येंद्र सिंह राघव कहते हैं कि हमारी पार्टी में इस वर्ग ने हमेशा भरोसा जताया है। पिछली बार वे लोग झूठे बहकावे में आ गए थे।

बीजेपी के सामने इस बार चुनौती

राजस्थान आदिवासी अधिकार मंच के संयोजक 45 साल के धर्मचंद खैर कहते हैं कि इस बार आदिवासी इलाकों में वसुंधरा सरकार के खिलाफ लोगों में नाराजगी है। खैर कहते हैं कि मनरेगा में मुश्किल आ रही है। मुख्यमंत्री ने इसमें पीओएस मशीनें लागू की हैं जबकि तमाम ग्रामीण इलाकों में मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलता। लोगों को अपने पेंशन का दावा करने और जन वितरण प्रणाली से राशन लेने में परेशानी आ रही है। अभी भी अच्छी सड़कें और बिजली आदि को लेकर समस्याएं हैं। भाजपा सरकार में सिर्फ 6000 लोगों को जमीन का पट्टा मिला है। वहीं कांग्रेस राज में 2009 से 2012 के बीच 32,000 को पट्टा मिला था।

युवाओं में नाराजगी

अलवर क्षेत्र में दलित नेता सूरज कर्दम कहते हैं अनुसूचित जाति के मतदाताओं में बीजेपी सरकार से नाराजगी है। छात्रों को कई साल से छात्रवृति नहीं मिली है। वहीं दो अप्रैल को बुलाए गए भारत बंद के दौरान 2500 से ज्यादा लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था, इससे भी नाराजगी है।

किरोड़ी लाल की वापसी से बीजेपी में ख़ुशी की लहर

बीजेपी आदिवासी नेता किरोड़ी लाल मीणा की वापसी से उत्साहित है। मीणा 2008 में वसुंधरा से मतभेद के बाद पार्टी से अलग हो गए थे। और इस बार डॉ. ने फिर एक बार बीजेपी में वापसी की है अब देखना यह है की उनका बीजेपी में वापसी से बीजेपी में क्या परिवर्तन लाता है

पिछली बार बीजेपी को मिला था बंपर समर्थन

50 सीटों पर जीत दर्ज की एससी-एसटी की 59 सीटों में से भाजपा ने 2013 में

34 सीटें जीत (59 में से ) कांग्रेस ने 2008 में राज्य में सरकार बनाई थी

फोटो: गूगल

 

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