राजस्थान ऊर्जा क्षेत्र में नए कीर्तिमान गढ़ रहा है। अब नया निवेश 40 हजार करोड़ रुपए का है, जिसमें 10 हजार मेगावाट क्षमता के पॉवर प्लांट स्थापित होने है।
प्रदेश में अल्ट्रा मेगा अक्षय ऊर्जा पॉवर पार्कों की स्थापना के लिए टी.एच.डी.सी.एल. और आर.आर.ई.सी.एल. के बीच 10000 मेगावाट क्षमता का जे.वी. करार किया गया है।
मिनी रत्न कंपनी कर रही निवेश
भारत सरकार की मिनी रत्न ए-श्रेणी की कम्पनी टी.एच.डी.सी. लिमिटेड और राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के बीच आज जयपुर में ज्वांइट वैंचर कम शेयर होल्डिंग एग्रीमेन्ट पर हस्ताक्षर किए गए। टी.एच.डी.सी. और आर.आर.ई.सी. ज्वाइंट वैंचर कंपनी में 74:26 प्रतिशत हिस्से की भागीदारी होगी। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष आशुतोष ए.टी. पेडणेकर और प्रबंध निदेशक अनिल ढाका की मौजूदगी में एमओयू हुआ। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के तकनीकी निदेशक डी.के. शर्मा और टी.एच.डी.सी. के चीफ जनरल मैनेजर (सोलर) एस.एस पंवार ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
10,000 मेगावाट क्षमता का विस्तार
राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष आशुतोष ए.टी. पेडणेकर ने बताया कि इस ज्वाइंट वेंचर कम्पनी द्वारा प्रदेश में 10,000 मेगावाट क्षमता की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएंयें प्रदेश के विभिन्न स्थानों में चरणबद्व रूप से विकसित की जाएगीं। जिससे सस्ती अक्षय ऊर्जा की प्राप्ति होगी। इस अवसर पर पेडणेकर ने टी.एच..डी.सी. अधिकारियों के साथ मिलकर फ्लोटिंग सोलर और पम्प स्टोरेज हाईड्रो प्लांट को भी राजस्थान में विकसित करने के लक्ष्यों पर विचार-विमर्श किया।
अल्ट्रा मेगा अक्षय ऊर्जा पॉवर पार्क
पेडणेकर ने बताया कि प्रदेश में स्थापित होने वाले इस अल्ट्रा मेगा अक्षय ऊर्जा पॉवर पार्कों की स्थापना, प्रदेश में केन्द्र सरकार के उपक्रम के साथ अक्षय ऊर्जा के विकास की इस तरह की एक अनूठी पहल साबित होगी। राज्य सरकार प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के विकास हेतु हर संभव सहायता एवं सहयोग प्रदान करेगी।
10 हजार को रोजगार
राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल ढाका ने बताया कि प्रदेश में 10,000 मेगावाट क्षमता के अल्ट्रा मेगा अक्षय ऊर्जा पार्कों की स्थापना से राज्य के सामाजिक असैर आर्थिक विकास के साथ-साथ राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के कार्य-कलापों के दायरे का विकास होगा। टी.एच.डी.सी. के सी.जी.एम. (सोलर) एस.एस. पंवार ने बताया कि इस अल्ट्रा मेगा अक्षय ऊर्जा पार्कों की स्थापना पर लगभग 40,000 करोड रूपये का निवेश होगा। प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 10,000 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होगा, जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति और जीवन स्तर का विकास होगा। प्रथम चरण में वषर् 2025 तक 2000 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्कों का विकास किया जाएगा।