Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img
Homeमुख्य समाचारराजनीतिहाईकोर्ट ने एसीबी को गहलोत सरकार को क्लीनचीट देने पर फटकारा, DOIT...

हाईकोर्ट ने एसीबी को गहलोत सरकार को क्लीनचीट देने पर फटकारा, DOIT विभाग में भ्रष्टाचार की जांच का आदेश

शरद पुरोहित, जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने गहलोत सरकार को क्लीनचीट देने के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने एसीबी से पूछा कि ऐसे गंभीर आरोपों के बावजूद कैसे DOIT विभाग को क्लीनचीट दी जा सकती है। हाईकोर्ट ने इस मामले पर एसीबी के प्रमुख एडीजी रवि प्रकाश मेहराड़ को कोर्ट में तलब किया और कड़ी नाराज़गी जताई।

भ्रष्टाचार का बड़ा मामला

यह मामला 2019 का है जब IT विभाग के डिप्टी डायरेक्टर कुलदीप यादव के दफ्तर में भारी मात्रा में सोना और उनकी पत्नी के बैंक अकाउंट में करोड़ों रुपये पाए गए थे। इसके बावजूद एसीबी ने जांच में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) दाखिल कर दी, जिसमें कहा गया कि यादव की पत्नी के पिता ने ये धनराशि उन्हें उपहार में दी थी।

5 साल के टेंडरों की जांच का आदेश

हाईकोर्ट ने एसीबी से कहा कि वे गहलोत सरकार के पिछले 5 साल के सभी टेंडरों की जांच करें। कोर्ट ने इस पर नाराज़गी जताई कि एसीबी ने इतनी बड़ी गड़बड़ियों के बावजूद जांच सही तरीके से नहीं की। एसीबी के प्रमुख ने संसाधनों की कमी का हवाला दिया, जिस पर कोर्ट ने उन्हें जांच का समय बढ़ाने का आश्वासन दिया।

किरोड़ी लाल मीणा का आरोप

इस पूरे मामले में भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा ने फाइनेंस सेक्रेटरी अखिल अरोड़ा पर गंभीर आरोप लगाए थे। मीणा ने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार के बड़े अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और एसीबी उन पर कार्रवाई करने से बच रही है।

DOIT विभाग पर सवाल

हाईकोर्ट ने DOIT विभाग को सबसे भ्रष्ट विभागों में से एक बताया। कोर्ट ने कहा कि वहां अधिकारियों के पास इतना सोना है कि उन्हें रखने के लिए घर में जगह नहीं बची। याचिकाकर्ता डॉ. टीएन शर्मा ने कहा कि DOIT विभाग के अधिकारी कुलदीप यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के सबूत मिलने के बावजूद सरकार उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है।

अखिल अरोड़ा पर गंभीर आरोप

अखिल अरोड़ा, जो सबसे लंबे समय तक DOIT विभाग में सेक्रेटरी रहे, उनके कार्यकाल में विभाग का बजट 15 गुना बढ़ गया। उनके खिलाफ एसीबी ने भ्रष्टाचार की जांच की अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। अब हाईकोर्ट ने इस मामले की गहन जांच करने का आदेश दिया है।

बीजेपी ने उठाया था मुद्दा, बाद में शांत

इस मामले को लेकर विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने आवाज़ उठाई थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्होंने इस पर कार्रवाई नहीं की। इसके बजाय, अखिल अरोड़ा को बचाने के प्रयास किए गए, जिससे यह मामला और विवादास्पद हो गया।