शरद पुरोहित, जयपुर। राजस्थान सरकार ने उच्चतम न्यायालय और केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए प्रदेश की खाद्य सुरक्षा योजना (Food Security Plan) में पारदर्शिता लाने के लिए मंगलवार को एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य के खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की, जिसमें योजना के तहत अपात्र लाभार्थियों को हटाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं।
अपात्र लाभार्थियों को योजना से हटाने का कदम
खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि वर्तमान में लाखों अपात्र लाभार्थी खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन का गेहूं प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे लोग जिनके पास निजी चारपहिया वाहन हैं, या जो आयकर रिटर्न भरते हैं, उन्हें इस योजना से बाहर किया जाएगा। सरकार ने आयकर विभाग से रिटर्न भरने वाले लाभार्थियों की सूची भी मांगी है, ताकि ऐसे लोगों को योजना से हटाया जा सके।
82 लाख से ज्यादा लाभार्थियों की ई-केवाईसी बाकी
राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 4 करोड़ 43 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं, लेकिन इनमें से 82 लाख 55 हजार से अधिक लोगों ने अभी तक ई-केवाईसी नहीं कराई है। खाद्य मंत्री ने स्पष्ट किया है कि 31 अक्टूबर तक ई-केवाईसी नहीं कराने पर ऐसे लाभार्थियों का नाम योजना से हटा दिया जाएगा। इसके बाद, 1 नवंबर से वे राशन के गेहूं के हकदार नहीं होंगे।
तीन सदस्यीय कमेटी करेगी अनुशंसा
यदि किसी लाभार्थी का नाम खाद्य सुरक्षा योजना से हट जाता है, तो उसे सूची में फिर से नाम जुड़वाने के लिए एक नई प्रक्रिया से गुजरना होगा। इस प्रक्रिया के तहत स्थानीय स्तर पर एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें स्कूल के प्राचार्य, पटवारी, और ग्राम सेवक शामिल होंगे। केवल इस कमेटी की अनुशंसा पर ही किसी व्यक्ति का नाम पुनः खाद्य सुरक्षा सूची में जोड़ा जाएगा।