शरद पुरोहित,जयपुर। राजस्थान में साइबर ठगों ने एक बुजुर्ग महिला को व्हाट्सएप के जरिए डिजिटल अरेस्ट कर 80 लाख रुपये की ठगी कर डाली। ठगों ने खुद को मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी बताकर महिला को झांसे में लिया और एक सप्ताह तक उसकी डिजिटल स्वतंत्रता छीन ली।
150 खातों का हुआ इस्तेमाल
राजस्थान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने ठगी की इस घटना का खुलासा किया। आरोपियों ने महिला के 80 लाख रुपये 150 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किए। SOG ने मामले में 15 साइबर ठगों को गिरफ्तार कर उनके पास से 13 लाख रुपये नकद और 27 मोबाइल, 43 डेबिट कार्ड, और अन्य सामग्री जब्त की।
ऐसे दिया गया ठगी को अंजाम
SOG के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि यह मामला अजमेर की एक बुजुर्ग महिला से जुड़ा है। महिला को व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए 23 नवंबर से 30 नवंबर तक मानसिक दबाव में रखा गया। इसके बाद साइबर ठगों ने उसके खाते से लाखों रुपये ठग लिए।
मनी ट्रेल और क्रिप्टो करेंसी का खेल
SOG टीम ने ठगी की राशि की मनी ट्रेल का विश्लेषण किया तो पता चला कि यह रकम 150 खातों में ट्रांसफर की गई थी। राशि को इन खातों से निकालकर यूएसडीटी क्रिप्टो करेंसी में बदल दिया गया।
कैसे पकड़े गए आरोपी
जांच में ठगों के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ। आरोपी राकेश, दिलीप, सुमर्थ, रजनेश, और अन्य ने बैंक खाते उपलब्ध कराए। इन खातों का इस्तेमाल करके ठगी की रकम नगद निकाली गई और क्रिप्टो करेंसी में बदली गई। गिरफ्तार आरोपियों में तरुण, देवेन्द्र सिंह, विनेश कुमार, और बृज किशोर शामिल हैं, जो ठगी की राशि को बदलने और कमीशन के जरिए अपने शौक पूरा करते थे।
बरामद सामग्री
गिरफ्तार आरोपियों से 13 लाख रुपये नकद, 27 मोबाइल फोन, 43 डेबिट कार्ड, 19 पासबुक, 16 सिम कार्ड, 1 लैपटॉप और एक गाड़ी बरामद की गई है। जांच में यह भी सामने आया कि ये आरोपी देशभर में साइबर ठगी के कई मामलों में शामिल हो सकते हैं।
SOG की सख्त कार्रवाई
इस घटना ने राजस्थान में साइबर सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। SOG अब आरोपियों के अन्य ठगी मामलों में संलिप्तता की जांच कर रही है और साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को और सख्त करने की योजना बना रही है।